06 September 2025

एडेड विद्यालयों में प्रधानाचार्य भर्ती को लेकर शिक्षक आमने-सामने

 

प्रयागराज,। प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य भर्ती को लेकर शिक्षक ही आमने-सामने हो गए हैं। शिक्षकों के एक गुट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को प्रधानाचार्य भर्ती का विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया जाए, क्योंकि इन कॉलेजों में 12 साल से भर्ती नहीं हुई और पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। वहीं, दर्जनों शिक्षकों ने भर्ती के लिए नए पद मांगने की कार्रवाई रोकने के लिए याचिकाएं कर दी हैं।


दरअसल, नवगठित आयोग के सचिव मनोज कुमार ने नौ दिसंबर 2024 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को मिले प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापकों का अधियाचन

(रिक्त पदों की जानकारी) शून्य घोषित कर दिया था, ताकि नए सिरे से रिक्त पद मंगाकर भर्ती शुरू की जा सके। वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2021-22 में प्रधानाचार्य के 884 तथा प्रधानाध्यापकों के 729 ऑनलाइन अधियाचन प्राप्त हुए थे, जिनका अब तक विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जा सका है। पुराने अधियाचनों को मिले काफी समय हो जाने के कारण इसे अन्य स्रोतों से भरे जाने की सम्भावना है तथा वह नए नियम के अनुसार भी नहीं है। नवगठित आयोग की नियमावली के



अनुसार अधियाचन भेजने के प्राधिकारी अब जिला विद्यालय निरीक्षक के स्थान पर निदेशक हैं इसलिए नए आयोग को पूर्व में प्राप्त ऑनलाइन अधियाचन पर आगे कार्यवाही किए जाने पर विचार करना नियमसंगत एवं तर्कसंगत नहीं है। इन रिक्त पदों पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत दर्जनों शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी है, जिसके जरिए इन्होंने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि सचिव के नौ दिसंबर 2024 के आदेश को रद्द किया जाए। साथ ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक के 29 जुलाई 2025 के आदेश को रद्द करने की मांग भी की है, जिनमें प्रधानाचार्य के रिक्त पदों की सूचना मांगी गई है। जानकारों की मानें तो ये याचिकाएं मुख्य रूप से इसलिए हुई है ताकि प्रधानाचार्य भर्ती का नया विज्ञापन जारी न होने पाए।