06 September 2025

विवि और महाविद्यालयों के शिक्षकों को पांच साल से सम्मान का इंतजार

 

लखनऊ। हर साल पांच सितंबर को बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मान से नवाजा जाता है, लेकिन विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के हजारों शिक्षकों को पांच साल से शिक्षक सम्मान का इंतजार है। उच्च शिक्षा विभाग ने बिना कारण बताए पांच साल से शिक्षक दिवस पर इनको सम्मानित नहीं कर रहा है।



बेसिक व माध्यमिक की ही तरह पहले उच्च शिक्षा विभाग हर साल विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर पुरस्कृत करता था। आखिरी बार 2019 में ये पुरस्कार दिए गए थे। 2020-21 में शिक्षक पुरस्कार की घोषणा तो हुई लेकिन पुरस्कार दिया नहीं जा सका। इस सूची में शामिल कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हो गए

हैं। इन शिक्षकों ने कई बार विभाग से इस संबंध में पत्राचार भी किया है। इसके बाद कोविड का दौर शुरू हो गया। इससे सारी गतिविधियां ठप हो गईं और बाद में विभाग बिना कोई कारण बताए शिक्षक पुरस्कार नहीं प्रदान कर रहा है।


विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के हजारों शिक्षक इससे जुड़ी आवश्यक तैयारी करके इंतजार ही कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार इसके लिए विभाग

में भी संपर्क किया लेकिन अपेक्षित जानकारी नहीं मिली।


उप्र. विवि महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुफुक्टा) के संयुक्त मंत्री डॉ. गांगेय दीक्षित ने कहा कि शिक्षक सम्मान से अपने शैक्षिक कार्य को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलता था। काफी संख्या में शिक्षक हर साल इसके लिए आवश्यक तैयारी करके रखते हैं लेकिन बाद में उन्हें निराशा हाथ लगती है। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग से इसे फिर शुरू करने की मांग की है।



शिक्षकश्री व सरस्वती सम्मान दिए जाते थे

उच्च शिक्षा विभाग राजकीय विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों को शिक्षकश्री व सरस्वती सम्मान देता था। शिक्षकश्री में आवेदन लेकर शोध आदि शैक्षिक काम के आधार पर तीन शिक्षक विश्वविद्यालयों व तीन कॉलेजों से चयनित होते थे। इनको 1.50-1.50 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व शॉल देकर सम्मानित किया जाता था। सरस्वती सम्मान में एक विश्वविद्यालय व दो कॉलेज के शिक्षकों का चयन होता था। इनको तीन-तीन लाख रुपये व अन्य चीजें दी जाती थीं। दोनों श्रेणी में चयनित शिक्षकों को दो साल का सेवा विस्तार भी मिलता था।



अभी प्रदेश के आठ मंडलों में ही क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के


कार्यालय हैं। अब हर मंडल में कार्यालय खोले जा रहे हैं। इनके सक्रिय होने के बाद शिक्षकों से आवेदन लेकर बेहतर तरीके से प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जल्द ही अच्छे शिक्षकों का चयन कर उनको सम्मानित किया जाएगा।

- योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री


शिक्षकों को सम्मानित किए जाने से प्रोत्साहन मिलता था। इसको बिना कारण रोक दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे तुरंत शुरू किया जाए। वर्ष 2020-2021 में जिन शिक्षकों के नाम की घोषणा की गई थी, उनको भी सम्मान दिया जाना चाहिए था।

-डॉ. मनोज पांडेय, अध्यक्ष, लुआक्टा