सीतापुर से बड़ी खबर…
सीतापुर में बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ा मामला अब नया मोड़ ले चुका है।
23 सितंबर को बीएसए दफ़्तर में हुए हंगामे में जहाँ हेडमास्टर बृजेंद्र कुमार वर्मा पर बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने बेल्ट से पिटाई करने और दस्तावेज़ फाड़ने का आरोप लगाया, वहीं अब ग्रामीणों और बच्चों का पक्ष सामने आ रहा है।
🔎 असली विवाद क्या है?
सूत्रों के मुताबिक़, यह विवाद नदवा प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका अवंतिका से जुड़ा है, जो बीएसए की करीबी बताई जा रही हैं।
आरोप है कि शिक्षिका महीनों से स्कूल नहीं आतीं, लेकिन उनकी फर्जी उपस्थिति भरकर वेतन निकाला जा रहा था।
23 तारीख़ को, जब शिक्षकों की उपस्थिति लॉक होती है, उस समय बीएसए द्वारा हेडमास्टर बृजेंद्र वर्मा पर दबाव डाला गया कि अवंतिका की हाजिरी दर्ज करें।
हेडमास्टर ने विरोध किया और विवाद इतना बढ़ा कि मामला हाथापाई और बेल्ट से पिटाई तक पहुँच गया।
🚨 प्रशासनिक कार्रवाई
पुलिस ने हेडमास्टर बृजेंद्र वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।
बीएसए अखिलेश सिंह ने तहरीर देकर मारपीट और दस्तावेज़ फाड़ने का आरोप लगाया है।
विभाग ने हेडमास्टर का निलंबन कर दिया है और सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।
✊ गाँव और बच्चों का विरोध
गाँव में यह कार्रवाई भारी विरोध का कारण बन गई है।
विद्यालय के बच्चों ने स्कूल गेट पर ताला डालकर ऐलान किया है कि “जब तक हमारे सर नहीं लौटते, तब तक स्कूल बंद रहेगा। हम किसी और से नहीं पढ़ेंगे।”
गाँव वालों का कहना है कि बृजेंद्र वर्मा समय से स्कूल आते थे, बच्चों में बेहद लोकप्रिय हैं और ईमानदार शिक्षक हैं।
❓ अनुत्तरित सवाल
क्या वाकई गायब चल रही शिक्षिका की फर्जी उपस्थिति दर्ज करने का दबाव बनाया गया था?
मीडिया और प्रशासन ने अब तक हेडमास्टर की बाइट या बयान क्यों नहीं लिया?