01 September 2025

सुप्रीम आदेश: हर रिट,हर मुकदमा,हर पैरवी और हर आदेश को अपना किया धरा बताने वाले आज अपने रायते को यह कहकर समेट रहे हैं कि मेरी तो सिर्फ दही थी,मट्ठा तो कोई और बनाया!!..

 

#सुप्रीम_आदेश 


             हर रिट,हर मुकदमा,हर पैरवी और हर आदेश को अपना किया धरा बताने वाले आज अपने रायते को यह कहकर समेट रहे हैं कि मेरी तो सिर्फ दही थी,मट्ठा तो कोई और बनाया!!....मतलब उन्हें यहां श्रेय नहीं चाहिए!!


            प्रमोशन मे TET की अनिवार्यता को लेकर कुछ चंदा खोर वैंपायर्स अपनी फील्डिंग सजाए ही बैठे थे कि सजा वाला आदेश आ गया तो सब मजा किरकिरा हो गया और अब बजा बजा कर बताते घूम रहे कि मैने नहीं कराया,मैने नहीं कराया!!


          इतना तगड़ा आदेश,इतनी सख्त मेंशनिंग ने देश भर के बेसिक शिक्षा विभाग मे हड़कंप मचा दिया, अंदाज़ा है कि इस आदेश के अनुपालन मे अकेले उत्तर प्रदेश से ही लगभग ढाई लाख शिक्षक मात्र दो वर्षों मे अपनी नौकरी से हाथ धो लेंगे....आदेश रियली बहुत ही शॉकिंग है,क्योंकि कंपोजिट ग्रांट को खर्च करने वाला गुणा गणित का दिमाग अब टेट की तैयारी मे मुश्किल से ही लगेगा,लाखों लोग सड़क पर आ जायेंगे.... सवा लाख से अधिक सैलरी उठाने वालो को उम्मीद थी कि आठवें वेतन आयोग में मामला डेढ़ लाख तक पहुंच जायेगा,और यदि मियां बीबी दोनों ही नौकरी मे हैं तो यही कोई तीन लाख प्लस कंपोजिट ग्रांट की रकम के हिसाब से 37 लाख पर एनम की आमदनी सुनिश्चित हो जायेगी।


          आज के आदेश को इन शॉर्ट समझें तो आप ने बेसिक विभाग मे ज्वॉइन कभी भी किया हो यदि आप TET उत्तीर्ण नही हैं तो आगामी दो वर्षों मे आपको TET उत्तीर्ण करना होगा या फिर आप आवश्यक सेवानिवृत्त कर दिए जाएंगे!!पुराने शिक्षकों को 5 सितम्बर को आयोजित होने वाले शिक्षक दिवस का विशेष तोहफा देते हुए 5 वर्ष तक नौकरी उन्हें करते रहने का टीचर्स डे बोनांजा ऑफर दिया गया है जिनकी सेवा निवृत्ति मे मात्र पांच वर्ष या उससे कम समय बचा है।


        इस पूरे मामले मे दोषी वही लोग हैं जिन्होंने बरगद के पेड़ की सबसे ऊपर वाली डाल मे बर्रेया के छत्ते मे पत्थर फेंक कर मारा है ताकि बरगद के वृक्ष को बचाया जा सके,लेकिन ऐसे सभी बरगद के पेड़ों को काटने के आदेश जिनमें बर्रेया के छत्ते लगे थे उन शिकारियों पर भारी पड़ बैठे जो भिखारी बनकर हर मामले मे कोर्ट,कचहरी और मुकदमों की लड़ाई का दंभ भरते थे।अच्छी भली चल रही नौकरी मे इतना बड़ा संकट उत्तर प्रदेश के शिक्षकों के जीवन मे भूचाल ला देगा.... नई पेंशन,पुरानी पेंशन अब नौकरी बचाने की टेंशन....आदमी कहां कहां लड़ेगा बेचारा??? पौने दो लाख शिक्षामित्र के समायोजन के क्वेश होने के बाद यह भारत मे सामूहिक नौकरी जाने का अब तक का सबसे बड़ा कुठाराघात होगा।


       जिन्हें लगता है कि माननीय न्यायालय इस आदेश मे रिव्यू पेटिशन मे कुछ राहत देगा तो अब वहीं पैंतरे बाज संभवतया सबकी नौकरी बचाने के लिए रिव्यू दाखिल कराने के आधा दर्जन व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाकर चंदा वसूली पुनः शुरू कर सकेंगे....और उन्हीं वैंपायर को अंपायर समझ कर अपने लिए राहत खोजेंगे,उनके लिए इतना ही कहना है,NEP 2020 और RTE के नियमों को विस्तार से पढ़ें कहीं से कोई राहत नही मिलने वाली है।कुछ साथियों के प्रश्न हैं कि यदि जूनियर का TET हैं और अभी पिछले दस साल से प्राइमरी सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं उन्हें कोई राहत मिलेगी की नहीं????


          राहत इंदौरी का सिर्फ एक ही रास्ता है जो इंदौर से नहीं लखनऊ से निकलेगा और वह यही कि सभी शिक्षक एकजुट होकर सरकार से विभागीय TET करवाने की मांग करें और अपनी नौकरी बचाये रख सकें।।बाकी आदेश का अक्षरशः पालन यदि सरकारों ने कर दिया तो बहुत बड़ा भूचाल आ जायेगा।। समझाते थे नमक स्वादानुसार और पंगा औकातानुसार लेकिन नहीं माने...हर जगह लकड़ी,हर जगह कानून,हर जगह चंदा और हर जगह कमाई.......#झेलो_अब