01 September 2025

हमारे वरिष्ठ शिक्षकों के साथ न्याय होना चाहिए ✊

 

*हमारे वरिष्ठ शिक्षकों के साथ न्याय होना चाहिए ✊*


हमारे वरिष्ठ शिक्षक जिन्होंने 20–30 साल से छात्रों के भविष्य को सँवारा, आज उनकी नौकरी पर तलवार लटकाना सरासर अन्याय है।

अनुभव को नज़रअंदाज़ कर TET थोपना विभाग के लिए हानिकारक है।

 वरिष्ठ शिक्षक विभाग की रीढ़ हैं, इन्हें तोड़ना शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करना है।

सुप्रीम कोर्ट के इस अव्यावहारिक आदेश पर पुनर्विचार होना चाहिए।

कायदे से यह आदेश केवल उन्हीं शिक्षकों पर लागू होना चाहिए, जिनकी नियुक्ति 2011 के बाद हुई, जब TET अनिवार्य किया गया।

जिनकी नियुक्ति उस समय हुई जब TET का नामोनिशान भी नहीं था, उन पर आज TET थोपना कहाँ का न्याय है ?


अगर कोर्ट कहती कि TET न होने पर प्रमोशन रोका जाएगा, तो बात समझ में आती।

लेकिन सेवा छोड़ने (Service Quit) की शर्त लगाना न केवल अत्यंत कठोर है, बल्कि पूरी तरह अव्यावहारिक भी है।

हम अपने वरिष्ठ शिक्षकों के साथ मजबूती से खड़े हैं।