शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मृतक कर्मचारी की पारिवारिक पेंशन स्वैच्छिक समझौते के आधार पर पहली और दूसरी पत्नी के बीच समान रूप से साझा की जा सकती है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने मध्यस्थता के दौरान दोनों पत्नियों ने स्वेच्छा से अपने बयान दर्ज कराए, जिसमें उन्होंने पारिवारिक पेंशन के 50-50 फीसदी बंटवारे पर सहमति व्यक्त की। अदालत ने माना कि दोनों बयान किसी भय, दबाव या धोखाधड़ी के तहत नहीं दिए गए। खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश की ओर से पारित आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि राज्य सरकार पेंशन संबंधी औपचारिकताएं चार सप्ताह में पूरी करे। अदालत ने यह फैसला कमला देवी बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य एवं अन्य में दिया। अपीलकर्ता कमला देवी के पति सोहन लाल पुलिस विभाग में सहायक उप निरीक्षक थे। 1970 में दोनों का विवाह हुआ और 1976 में एक बेटी का जन्म हुआ। बाद में पति-पत्नी अलग हो गए और सोहन लाल ने 1979 में दूसरी शादी गायत्री देवी से की, जिनसे चार संतानें हुईं। संवाद