बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से इसके लिए जारी विस्तृत निर्देश में कहा गया है कि विशेष शिक्षक प्राथमिक स्तर पर कक्षा एक से पांच के लिए होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए 5352 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि इसमें पहले से काम कर रहे लगभग 2200 विशेष शिक्षकों (स्पेशल एजुकेटर्स) को समायोजित किया जाएगा। हालांकि अगर यह विशेष शिक्षक टीईटी, सीटेट नहीं हैं तो उन्हें विशेष अध्यापक पात्रता परीक्षा (एसटेट) पास करनी होगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से इसके लिए जारी विस्तृत निर्देश में कहा गया है कि विशेष शिक्षक प्राथमिक स्तर पर कक्षा एक से पांच के लिए होंगे। इसके लिए स्नातक के साथ भारतीय पुनर्वास परिषद से मान्यता प्राप्त, डीएड विशेष शिक्षा या समकक्ष परीक्षा पास होना चाहिए। उनका परिषद का पंजीकरण प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। वहीं कक्षा छह से आठ के लिए अन्य के साथ बीएड विशेष शिक्षा भी होनी चाहिए।
*उन्होंने कहा है कि संविदा पर कार्यरत स्पेशल एजुकेटर जो टीईटी या सीटेट नहीं हैं। उन्हें राज्य सरकार द्वारा आयोजित विशेष अध्यापक पात्रता परीक्षा (एसटेट) पास करना अनिवार्य होगा। उनकी अधिकतम 60 साल की आयु होगी। इसके लिए उनको अधिकतम चार मौके दिए जाएंगे। उनको अन्य सेवाएं व सुविधाएं सामान्य शिक्षकों की तरह मिलेंगी। इन विशेष शिक्षकों के चयन व नियुक्ति के संबंध में राज्य आयुक्त दिव्यांगजन की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग समिति होगी।*
*इनके द्वारा योग्य पाए गए अभ्यर्थियों की नियुक्ति की कार्यवाही बेसिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। इनको छह महीने का क्रास डिसेबिलिटी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ताकि वे सभी प्रकार के दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए सक्षम हों। वहीं वर्तमान में कार्यरत स्पेशल एजुकेटर के समायोजन के बाद शेष पदों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग भर्ती प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके लिए आरसीआई की योग्यता, सामान्य योग्यता के साथ-साथ टीईटी या सीटेट पास करना अनिवार्य शैक्षिक योग्यता होगी।*