25 September 2025

शेयर, म्यूचुअल फंड की कमाई पर विशेष कर छूट नहीं मिलेगी

 

शेयर, म्यूचुअल फंड की कमाई पर विशेष कर छूट नहीं मिलेगी




नई दिल्ली,  । आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि धारा 87ए के तहत विशेष कर छूट (रिबेट) का लाभ छोटी अवधि के पूंजीगत लाभ पर नहीं मिलेगा। इसमें शेयरों और म्यूचुअल फंड यूनिट की बिक्री से हुई आय भी शामिल हैं।

जिन करदाताओं ने इसका दावा किया है, उन्हें बकाया टैक्स भरने के लिए 31 दिसंबर 2025 तक की मोहलत दी गई है। देय कर पर ब्याज माफ किया जाएगा। विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कई करदाताओं ने वित्त वर्ष 2023-24 में इस विशेष आय पर धारा 87ए के तहत रिबेट का दावा किया था। कुछ मामले में ये दावे स्वीकार किए गए लेकिन बाद में विभाग ने पाया कि यह छूट नियमों के हिसाब से गलत थी और उसे रद्द कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला

नियमों के अनुसार, पुरानी कर व्यवस्था में 5 लाख और नई व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय पर रिबेट मिलती है, जिससे कर देनदारी शून्य हो जाती है। जुलाई 2024 से विभाग ने ‘विशेष दर वाली आय’ पर रिबेट देने से मना कर दिया, भले ही नई व्यवस्था में कुल आय सात लाख रुपये से कम हो। विशेष दर वाली आय’ में छोटी अवधि के पूंजीगत लाभ भी शामिल हैं।

ब्याज माफ होगा

सर्कुलर में कहा गया है कि यदि संबंधित करदाता 31 दिसंबर 2025 तक अपना बकाया टैक्स जमा कर देते हैं, तो उन पर लगने वाला ब्याज माफ कर दिया जाएगा। यह राहत केवल उन्हीं मामलों में लागू होगी, जहां छूट गलत तरीके से दी गई थी और बाद में टैक्स का पुनर्मूल्यांकन किया गया है।

बजट में हुआ प्रावधान

केंद्रीय बजट 2025 में साफ किया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 से शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (धारा 111ए के तहत) सहित सभी ‘विशेष दर वाली आय’ पर रिबेट नहीं मिलेगा। यह धारा सूचीबद्ध शेयरो व इक्विटी म्यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाले छोटी अवधि के लाभ से संबंधित है।

हाईकोर्ट पहुंचा था मामला

इस मुद्दे पर करदाताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। दिसंबर 2024 में कोर्ट ने विभाग को आदेश दिया मामले पर दोबारा विचार किया जाए। 1 से 15 जनवरी 2025 तक करदाताओं को रिटर्न सुधारने को मौका दिया गया। कई करदाताओं ने रिबेट की उम्मीद में अपडेट रिटर्न

दाखिल किए पर उन्हें राहत नहीं मिली।