कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर चल रही और संपन्न हो चुकी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की चर्चा, विश्लेषण या प्रसार करना अब गैरकानूनी है। यह चेतावनी लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत जारी की गई है, जिसके उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
आयोग ने चेतावनी दी है कि इस अधिनियम की धारा 3 के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा परीक्षा प्रश्नपत्रों, उत्तर कुंजी या इसके किसी भी हिस्से को बिना अनुमति के लीक करना, साझा करना, या उस पर चर्चा करना कानूनन अपराध माना जाएगा। धारा 10 के तहत ऐसे व्यक्तियों को तीन से पांच वर्ष की कैद और दस लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। संगठित अपराध के लिए पांच से दस वर्ष की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना का प्रावधान है। आयोग ने साफ किया है कि सभी कंटेंट क्रिएटर्स, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तियों को इस अधिनियम का पालन करना अनिवार्य है। इस निर्देश की अवहेलना करने वाले के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
93 प्रतिशत अभ्यर्थियों को पसंदीदा केंद्र आवंटित
प्रयागराज। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएल) 2025 के पहले चरण (टीयर-वन) की कंप्यूटर आधारित परीक्षा 12 से शुरू होकर 26 सितंबर तक आयोजित की जाएगी। इसके लिए कुल 28,14,604 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है। परीक्षा देशभर के 129 शहरों में 260 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही है। एसएससी के अनुसार 93 प्रतिशत अभ्यर्थियों को उनकी पहली, दूसरी या तीसरी पसंद के अनुसार परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं। बाकी बचे अभ्यर्थियों को नजदीकी शहरों में केंद्र आवंटित किए गए हैं। इन अभ्यर्थियों के पते और परीक्षा शहर के बीच की औसत दूरी लगभग 168 किलोमीटर है। आयोग ने सभी परीक्षार्थियों से अपील की है कि वे परीक्षा तिथि से पहले अपने एडमिट कार्ड और परीक्षा केंद्र की जानकारी अवश्य जांच लें, समय से केंद्र पर पहुंचें, और परीक्षा में अनुशासन बनाए रखें।