26 November 2025

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली में शिक्षकों ने बुलंद की आवाज

 

 

लखनऊः शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता के खिलाफ और पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर प्रदेश के शिक्षकों ने दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश के अलग-अलग संगठनों के बैनर तले जंतर-मंतर पर हजारों शिक्षक जुटे और अपनी आवाज बुलंद की। धरने में देश भर से शिक्षकों ने अपनी एकजुटता भी दिखाई।



मंगलवार को नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) और सहयोगी संगठनों के बैनर तले शिक्षकों का प्रदर्शन हुआ। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि अब सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी। सरकार को हर हाल में पुरानी पेंशन बहाल करनी ही पड़ेगी। टीईटी मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अगर सरकार 20 साल पहले नियुक्त शिक्षकों की सेवाएं समाप्त


कर सकती है, तो हिम्मत हो तो यूपीएससी से चयनित अधिकारियों को भी हटा कर दिखाए। प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि पुरानी पेंशन तत्काल बहाल की जाए और टीईटी को स्थायी रूप से अनिवार्य सूची से हटाया जाए। इससे पहले सोमवार को अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश के हजारों शिक्षक टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में जुटे। मोर्चा के राष्ट्रीय सह-संयोजक अनिल यादव ने कहा कि शिक्षकों का यह धरना पूरी तरह सफल रहा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने अपनी बातें मजबूती से संसद तक पहुंचाने का काम किया है। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में कानून लाकर टीईटी की अनिवार्यता को स्थायी रूप से समाप्त करे