26 November 2025

एक ही यूनिक नंबर से जुड़ेगा विद्यार्थियों का रिकार्ड

 

 लखनऊः प्रदेश के सभी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की अपार (आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री) आइडी बनाने की प्रक्रिया अब तेज की जा रही है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक मोनिका रानी ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया है कि जिन बच्चों की अपार आइडी अभी तक नहीं बनी है, उनके अभिभावकों से सहमति पत्र लेकर यह काम जल्द से जल्द पूरा कराएं। अपार आइडी हर बच्चे को मिलने वाला 12 अंकों का एक यूनिक



नंबर है। इस नंबर से बच्चे की पूरी शैक्षिक यात्रा जैसे पढ़ाई का रिकार्ड, उपलब्धियां, अंकपत्र और प्रमाणपत्र अपने आप उसके प्रोफाइल में सुरक्षित रहेंगे। यह व्यवस्था आउट आफ स्कूल बच्चों की पहचान करने और उन्हें दोबारा स्कूल से जोड़ने में भी बहुत उपयोगी होगी। 21 नवंबर को यू-डायस पोर्टल से मिली रिपोर्ट में पता चला कि कई जिलों में अपार आइडी बनाने का काम अधूरा है।


इससे पहले भी चार बार इस बारे में विस्तृत निर्देश भेजे जा चुके हैं। लेकिन कई स्कूलों ने अभी तक लंबित छात्रों का डेटा अपडेट नहीं किया है। निर्देश में कहा गया है कि अपार आइडी का निर्माण यू-डायस पोर्टल के माध्यम से ही किया जाएगा। सभी स्कूल लंबित छात्रों का डेटा तुरंत पोर्टल पर अपडेट करें। अभिभावकों से सहमति पत्र लेकर स्कूल में सुरक्षित रखा जाए। डिजिलाकर के माध्यम से सभी शैक्षिक दस्तावेज वेरिफाइएबल क्रेडेंशियल के रूप में उपलब्ध रहेंगे, जिससे छात्रों को कागजों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके बनने से हर बच्चे का शैक्षिक रिकार्ड सुरक्षित और हमेशा उपलब्ध रहे।