यूपी बोर्ड: अब मेरिट से तय होगा स्कूल केंद्र बनेगा या नहीं

केंद्र निर्धारण नीति जारी होने के साथ ही यूपी बोर्ड 2022 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण की कवायद तेज हो गई है। स्कूलों को केंद्र बनाने के लिए मानक के साथ-साथ इस बार उनकी मेरिट की सूची तैयार की जाएगी। आधारभूत सूचनाओं के आधार पर विद्यालयों को अंक प्रदान किए जाएंगे। अंकों से ही राजकीय, सहायता प्राप्त व वित्तविहीन विद्यालयों की अलग-अलग मेरिट सूची बनेगी। जिन विद्यालयों के मेरिट अंक समान होंगे, उनमें यह देखा जाएगा कि किस विद्यालय में हाईस्कूल के परीक्षार्थियों की अधिक संख्या है। अंत में इसी संख्या के आधार पर विद्यालय को सूची में वरीयता दी जाएगी।


मेरिट सूची तैयार करते समय स्कूलों को जिन सूचनाओं के आधार पर अंक दिए जाएंगे उनमें इंटरमीडिएट स्तर के स्कूलों को 20 व केवल हाईस्कूल स्तर के स्कूल रहने पर 10 अंक मिलेंगे। इसी प्रकार अंक के लिए स्कूलों को तीन श्रेणियों में रखा जाएगा। राजकीय माध्यमिक विद्यालय को 50, सवित्त माध्यमिक विद्यालय को 30 तथा वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय को 10 अंक दिए जाएंगे। यदि स्कूल में पठन-पाठन सीसी टीवी कैमरे की निगरानी में होता है तो 10 अंक, यदि स्कूल 2020 में परीक्षा केंद्र था तो 20 अंक तथा यदि वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा में स्कूल का हाईस्कूल व इंटर का परीक्षाफल 90 फीसद रहा है तो मेरिट में दस-दस अंक मिलेंगे।

यूपी बोर्ड

’>>दो स्कूलों की मेरिट समान होने पर हाईस्कूल के अधिक परीक्षार्थियों वाले स्कूल को मिलेगी वरीयता

’>>वर्ष 2020 में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परीक्षाफल 90 फीसद होने पर मेरिट में मिलेंगे 10-10 अंक

परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में पारदर्शी व्यवस्था बनाने तथा बिना दाग वाले स्कूल ही केंद्र बने, इसी को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने यह कदम उठाया है। मेरिट सूची तैयार करते समय सभी मानकों व आधारभूत सूचनाओं को देखा जाएगा, ताकि मानक पर खरा उतरने वाले स्कूल ही केंद्र बन सकें।

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया

डीआइओएस