कृषि कानूनों की तरह नई पेंशन योजना भी वापस ले सरकार


लखनऊ। ऑल टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के बैनर तले प्रदेश भर से जुटे कर्मचारियों शिक्षकों ने रविवार को ईको गार्डन में पुरानी पेंशन बहाली के लिए शंखनाद रैली की कर्मचारियों ने कहा कि जिस तरह सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लिया है, उसी तरह नई पेंशन योजना को भी वापस लेकर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। निजीकरण भी रोका जाए।


अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंधु ने कहा कि नई पेंशन योजना से शिक्षकों-कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इसलिए सरकार को पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजीकरण से युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। पीडब्ल्यूडी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत सिंह ने भी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। महामंत्री रामराज दुबे ने कहा कि निजीकरण की व्यवस्था से युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है। फ्रंट अगेंस्ट न्यू पेंशन स्कीम इन रेलवे के राजेंद्र पाल ने कहा रेलवे को बेचा जा रहा है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रैली को चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार, डिप्लोमा फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष संदीप बडोला, सिंचाई विभाग के राम लाल यादव, ड्राइंग स्टाफ एसोसिएशन के अमित कुमार, श्रम एवं सेवायोजन कर्मचारी परिषद के महामंत्री अमित कुमार यादव, पंचायती राज सफाई कर्मचारी संघ के राजेंद्र श्रीवास्तव, लविवि से संबद्ध महाविद्यालयों के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय व उप्र लेखपाल संघ के उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए।


सीएम से वार्ता के लिए अड़े पदाधिकारी

कर्मचारी मांग को लेकर सीएम व मुख्य सचिव से वार्ता कराने की मांग कर रहे थे। कर्मचारियों के रोष को देखते हुए इंको गार्डन में बड़ी संख्या में पुलिस व आरपीएफ को तैनात किया गया था। जो भी कर्मी रैली में जा रहा था, उसे बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था। दोपहर लगभग तीन बजे कर्मचारियों ने सीएम को ज्ञापन देने के लिए निकलने की घोषणा कर दी। इसके बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीसीपी ख्याति गर्ग ने आननफानन में कर्मचारी नेताओं को दो दिन के अंदर मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री से वार्ता का भरोसा दिलाया और नेताओं से ज्ञापन लेकर कर्मचारियों को शांत कराया।