22 November 2021

भर्तियों की समयसीमा तय न होने पर प्रतियोगी नाराज

प्रयागराज : पिछले दो साल से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग लंबित भर्तियों को पूरी करवाने में जुटा है। परीक्षा व साक्षात्कार कराने की प्रक्रिया तेज की गई है। इसके बावजूद कई भर्तियां सालों से अटकी हैं। वहीं, बीते दिनों अपर निजी सचिव (एपीएस)-2013, प्राविधिक शिक्षा विभाग (डिप्लोमा सेक्टर) के अंतर्गत राजकीय पालीटेक्निक संस्थाओं में प्रधानाचार्य व प्रवक्ता की भर्ती को निरस्त करके नए सिरे से कराने का निर्णय लिया गया है। इससे सैकड़ों अभ्यर्थी


आयुसीमा खत्म होने के कारण बाहर हो गए हैं। समस्त योग्यता रखने के बावजूद आयु अधिक होने के कारण वो भर्ती में आवेदन नहीं कर पाएंगे। इसके मद्देनजर प्रतियोगी हर भर्ती के पूरा होने की समयसीमा तय करने की मांग कर रहे हैं। प्रतियोगियों का कहना है कि भर्ती का विज्ञापन जारी होने के साथ उसके अंतिम परिणाम जारी होने की तारीख भी घोषित कर दी जाए। इससे भर्ती सालों तक लंबित नहीं रहेगी। प्रतियोगी भी उसी के अनुरूप अलग-अलग भर्तियों की तैयारी कर सकेंगे। लंबित भर्तियों को लेकर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की समीक्षा बैठक हुई। अध्यक्षता कर रहे अवनीश पांडेय का कहना है कि आयोग की अधिकतर भर्तियां तीन-चार साल लंबित रहती हैं। वहीं, अचानक भर्ती निरस्त होने से काफी अभ्यर्थी योग्यता रखने के बावजूद अपात्र हो जाते हैं। कहा कि हर भर्ती में काफी चयनित पदभार ग्रहण नहीं करते। इससे उनका पद खाली रह जाता है। खाली पदों पर जल्द भर्ती नहीं होती। वहीं, काफी युवा नौकरी के लिए भटकते रहते हैं। ऐसी स्थिति में हर भर्ती संस्थान को परीक्षाओं की प्रतीक्षा सूची जारी करने का निर्देश दिया जाय। इससे खाली पदों को उसी परीक्षा में कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों से भरा जा सकेगा। समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि परीक्षाओं को समयबद्ध पूरा कराने की दिशा में काम करने की जरूरत है। कई संस्थान ऐसे हैं जो एक भर्ती कई साल से लटकाए हैं। इससे युवाओं का मानसिक व आर्थिक शोषण होता है।