नेत्रहीन बच्चों को मिलेंगे विशेष प्रकार के टैबलेट

कुशीनगर:- 
पडरौना। जिले के परिषदीय विद्यालयों में नामांकित नेत्रहीन छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग ने नई पहल की है। जिले के परिषदीय स्कूलों में नामांकित कुल 304 नेत्रहीन छात्र-छात्राओं को विशेष टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे। इस टैबलेट से उनको पढ़ाई करने में सहूलियत होगी।
सरकार विभिन्न प्रकार के दिव्यांगों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं संचालित की हैं। जो दिव्यांग देख सकते हैं उन्हें तो अक्षर ज्ञान कराने में शिक्षकों को सहूलियत होती है। लेकिन जो दिव्यांग नेत्रहीन हैं उन्हें अक्षर ज्ञान कराना शिक्षकों के लिए कठिन हो जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए डिवीजन कमिश्नर गोरखपुर और लखनऊ के प्रयास से सभी नेत्रहीन दिव्यांग छात्र-छात्राओं को एक-एक विशेष टैबलेट की व्यवस्था की गई है। यह विशेष टैबलेट का कीपैड को स्पर्श करते हुए हिन्दी और अंग्रेजी के शब्दमाल की आवाज सुनाई देगी। इससे अब नेत्रहीन छात्र आसानी से अक्षर ज्ञान कर सकेगा।
जिले में 2464 परिषदीय स्कूलों में कुल 6794 दिव्यांग छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इसमें से 170 बालक और 134 बालिका समेत कुल 304 दिव्यांग छात्र-छात्राएं नेत्रहीन हैं। इन नेत्रहीन छात्र-छात्राओं में से अभी 120 नेत्रहीन विद्यार्थियों को विशेष टेबलेट दिया जाएगा। इसके बाद शीघ्र शेष विद्यार्थियों को भी टैबलेट उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस विशेष तरह के टैबलेट से शिक्षा देने के लिए पहले परिषदीय विद्यालयों में तैनात नोडल शिक्षकों को ब्रेल प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे इन छात्र-छात्राओं को ब्रेल का ज्ञान सिखा सकें। इसके लिए शीघ्र ही जिले में तैनात स्पेशल एजुकेटरों को राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके बाद ये शिक्षक नेत्रहीन बच्चों को विशेष टैबलेट के सहयोग से शिक्षण कार्य करेंगे। संवाद
ब्रेल लिपि से होगी पढ़ाई
ब्रेल पद्धति एक तरह की लिपि है, जिसको विश्वभर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है। यह लिपि कागज पर अक्षरों को उभारकर बनाई जाती थी। इसमें 12 बिंदुओं को छह-छह की दो पंक्तियों को रखा जाता है। इसमें विराम चिह्न, संख्या, गणितीय चिह्न आदि नहीं होते हैं।
दिव्यांग विद्यार्थियों के बेहतर शिक्षा के लिए शासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग पूरी तरह गंभीर है। नेत्रहीन विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए उन्हें विशेष तरह का टैबलेट दिया जाना है। इसके पहले इन्हें शिक्षित कर रहे स्पेशल एजुकेटरों को लखनऊ में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। जिले में कुल 304 नेत्रहीन विद्यार्थियों को विशेष टेबलेट उपलब्ध कराया जाएगा। अभी 120 नेत्रहीन विद्यार्थियों में यह विशेष टेबलेट वितरित होगा। इसके बाद शेष बच्चों को भी यह टेबलेट उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि उन्हें सरलता से पढ़ाई करने में सहूलित मिल सके।
बलवंत बहादुर, जिला समन्वयक जिला समेकित शिक्षा