18 December 2021

अल्प मानदेय वृद्धि शिक्षामित्रों का अपमान


अलीगंज। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों की मानदेय वृद्धि की घोषणाओं से शिक्षामित्रों में आक्रोश व्याप्त है। शिक्षामित्रों का कहना है मामूली मानदेय वृद्धि से उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्र का अपमान किया जा रहा है। आक्रोशित शिक्षामित्रों ने बीआरसी कार्यालय अलीगंज पर विरोध प्रदर्शन भी किया।


शिक्षा मित्र संघ के जिला उपाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने कहा बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षामित्र बीते 20 वर्ष से सेवाएं दे रहा है। पिछली अखिलेश सरकार ने इनको सहायक अध्यापक समायोजित किया पद पर था। तब शिक्षामित्रों को लगभग 40000 का वेतन मिल रहा था 25 जुलाई 2017 को तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार की लचर पैरवी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया और पुनः शिक्षामित्र पद पर वापस भेज दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय मात्र 10000 कर दिया। तब से लगातार शिक्षामित्र उत्तर प्रदेश सरकार से अपने स्थाई समाधान की मांग कर रहा है। इस दौरान अवसाद से चलते लगभग 5000 शिक्षामित्र अपने प्राणों की आहुति भी दे चुके हैंलेकिन भाजपा सरकार ने शिक्षामित्रों के लिए अपनी संवेदना व्यक्त नहीं की। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 2017 में स्थाई समाधान की बात कही थी लेकिन चुनावी सत्र में भारतीय जनता पार्टी अपने वादे से मुकर गई और एक बार फिर मामूली मानदेय वृद्धि का झुनझुना शिक्षामित्रों को थमा दिया । शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं स्थाई समाधान चाहिए। अगर उत्तर प्रदेश सरकार ने समय रहते स्थाई समाधान नहीं किया तो इसका खामियाजा 2022 में भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ेगा। मानदेय वृद्धि पर विरोध करने वालों में विजय कुमार, मीना बेगम, मोनू शाक्य, प्रीति सक्सेना मौजूद रहीं।