स्कूल परिसर से भागी किशोरी, चार महीने में आठ बालक-बालिकाएं हो चुके हैं फरार

प्रयागराज : खुल्दाबाद राजकीय बालिका गृह की एक और किशोरी बृहस्पतिवार को भाग गई। वह स्कूल गई थी और वहीं से फरार हो गई। इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए होमगार्ड के निलंबन की संस्तुति की गई है। बंगाल से आई 17 वर्षीय किशोरी को 20 जुलाई 2018 को बालिका गृह में लाया गया था। वह गुरु तेज बहादुर खालसा गर्ल्स इंटर कॉलेज में पांचवीं की छात्रा है।

सहायक अधीक्षिका ने खुल्दाबाद थाने में तहरीर दी है कि किशोरी स्कूल परिसर से ही दिन में करीब तीन बजे भाग गई। होमगार्ड ने इसकी सूचना दी। जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज कुमार मिश्रा का कहना है कि बालिकाएं होमगार्ड की निगरानी में पढ़ने के लिए जाती हैं। किशोरी के पलायन करने में होमगार्ड की लापरवाही सामने आई है। होमगार्ड के खिलाफ निलंबन तथा अन्य कार्रवाई के लिए लिखा गया है।



 
चार महीने में आठ बालक-बालिकाएं फरार
शेल्टर होम में रहने वाले बालक-बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है। अगस्त से नौ दिसंबर के बीच अलग-अलग शेल्टर होम के आठ किशोर एवं किशोरियां सुरक्षा चक्र को चकमा देकर भागने में सफल रहीं। इनमें से सिर्फ एक का ही पता चल सका है। अन्य अब तक लापता हैं। राजरूप शेल्टर होम से दो किशोर एक साथ फरार हो गए। बलुआघाट में संचालित शेल्टर होम से भी दो किशोर भागने में सफल रहे।

डफरिन में भर्ती खुल्दाबाद राजकीय बालिका गृह की किशोरी दो सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर भागने में सफल रही। सिविल लाइंस स्थित एक शेल्टर होम से भी दो लड़कियां फरार होने में सफल रहीं। सभी मामलों में जांच की जा रही है लेकिन अभी तक सिर्फ एक बालिका ही पकड़ में आ सकी। अब बृहस्पतिवार को राजकीय बालिका गृह की एक और किशोरी फरार होने में सफल रही। इससे शेल्टर होम की सुरक्षा व्यवस्था ही सवालों के घेरे में आ गई है।

एक किशोरी ने कर ली थी आत्महत्या

राजकीय बालिका गृह में एक किशोरी ने सात अगस्त को आत्म हत्या भी कर ली थी। खास यह कि बालिका ने फांसी लगा ली और किसी को पता तक नहीं चला। इस मामले में अधीक्षिका समेत चार लोगों को निलंबित कर दिया गया लेकिन दावों के बावजूद सुरक्षा को लेकर ठोस इंतजाम नहीं हो सके।

मोबाइल से भी वार्ता की शिकायत

खुल्दाबाद राजकीय बालिका गृह में रहने वाली किशोरियों के मोबाइल पर बात करने के मामले भी सामने आए हैं। जबकि, वहां मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। राजकीय गृह की एक किशोरी ने गलत दस्तावेज लगाकर अपने को बालिग बताया था। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि किशोरी की मोबाइल से भी बात होती थी