प्रयागराज : प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी)-2011 भर्ती परीक्षा में जीवविज्ञान विषय के अभ्यर्थियों के साथ बड़ी लापरवाही हो गई। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में रखी ओएमआर शीट पानी से भीग जाने के कारण मूल्यांकन का संकट खड़ा हो गया। नतीजा यह हुआ कि उस भर्ती में अन्य विषयों की चयन प्रक्रिया पूरी हो गई और नियुक्त शिक्षक वेतन प्राप्त कर रहे हैं।
इसके विपरीत जीवविज्ञान विषय के अभ्यर्थी दस साल से परिणाम की प्रतीक्षा में हैं। मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट के बाद कार्बन कापी से ओएमआर शीट का मिलान किया गया। अब परिणाम घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-2011 में भर्ती विज्ञापन निकालकर परीक्षा कराई। केवल जीवविज्ञान विषय का परिणाम न निकलने से नाराज अभ्यर्थियों ने धरना-प्रदर्शन करने के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री और शासन का भी दरवाजा खटखटाया।
कोई हल तो नहीं मिला, लेकिन गोपनीय ढंग से उन्हें यह जरूर पता चला कि ओएमआर शीट पानी से भीग गई है। ओएमआर शीट को कर्मचारियों द्वारा गलती से अप्रयुक्त (अनयूज्ड) बंडल वाले कमरे में रख दिया गया था। इससे चिंतित चयन बोर्ड भी अभ्यर्थियों के पक्ष में राह खोजता रहा।
चयन बोर्ड के दो सदस्यों की जांच समिति बनाई गई। समिति ने जांच रिपोर्ट में सुझाव देने के साथ परिणाम घोषित करने की संस्तुति की। चूंकि अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट भीग जाने के कारण कई उत्तर स्पष्ट नहीं हो रहे थे, ऐसे में कार्बन कापी से मिलान किया गया। साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कराकर चयन परिणाम घोषित किया जाएगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह काम चयन बोर्ड अगर और पहले कर लेता तो अब तक 2011 की भर्ती पूरी हो चुकी होती।
सदस्यों की जांच रिपोर्ट के बाद परिणाम देने की शुरू ने तैयारी