बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए शुरू किया गया अभियान, कई विद्यालयों की स्थिति जस की तस
नेवादा बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए शासन के आदेश पर कल्प अभियान चलाने के बाद भी नेवादा ब्लाक के कुछ विद्यालयों की तस्वीर नहीं बदल सकी है। कहीं शौचालय बदहाल हैं तो कहीं उनमें ताला बंद है। कुछ विद्यालयों में सामूहिक रूप से हाथ धोने के लिए बने वॉश बेसिन शोपीस बन गए हैं। विद्यालयों में बच्चों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से बच्चे सुविधाओं से वंचित हैं कागजी आंकड़ों में काम पूरा दिखाकर वाहवाही लूटी जा रही है।
नेवादा ब्लाक के कुल 128 गांवों व मजरों में प्राइमरी के 68 उच्च प्राइमरी के 15 और कंपोजिट विद्यालयों की संख्या 41 हैं। बसिक शिक्षा विभाग व पंचायती राज विभाग के आपसी समन्वय से आपरेशन कायाकल्प के तहत प्रत्येक विद्यालयों में कुल 19 बिंदुओं पर सुंदरीकरण कार्य करके संतृप्त किया जाना चाहिए, लेकिन कहाँ टहल्स, कहीं बाउंड्री तो कहीं शौचालय चाल पड़े हैं। रसोई घर, स्टोर रूम, एमडीएम शेड व स्कूल भवन भी जर्जर हैं।
ऑपरेशन कायाकल्प के तहत कराए जाने थे ये कामः बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय व यूरिनल चनने थे कक्षाओं व शौचालयों की फर्शो पर टाइल्स लगने थे रसोई घर का निर्माण, पानी टंकी, शौचालयों में जलापूर्ति, पेयजल, श्यामपट्, विद्यालय की रंगाई-पुताई, मल्टीपल हेडवॉशिंग यूनिट, फर्नीचर, बाउंड्री वॉल कक्षा कक्ष में उपयुक्त बिजली वायरिंग, विद्युत उपकरण व्यवस्था, दिव्यांगों के लिए रैंप और शौचालय। • कागजों में दुरुस्त लेकिन हकीकत में में
बदहाल है प्राइमरी स्कूल संवथा नेवादा प्राथमिक विद्यालय संवधा की हालत खंड शिक्षा कार्यालय के अनुसार कागजों पर तो दुरुस्त है लेकिन हकीकत में बदहाल है। विद्यालय में बना मल्टिपल हैंड वाशिंग यूनिट केवल शोपीस के लिए बना है, उसमें से नल गायब है। पेयजल व शौचालय आदि में जलापूर्ति के लिए बनाया गया रनिंग वाटर भी शोपीस बना हुआ है। बालक बालिकाओं के लिए बने अलग अलग शौचालयों में लगी सीटें टूटकर बदहाल हो चुकी है। पुराना यूरिनल टूटा पड़ा है नया बनाया ही नहीं गया है। स्कूल से फर्नीचर गायब हैं. कुछ टूटे फूटे स्टोर रूम में पढ़े हैं कक्ष में लगी टाइल्स टूट चुकी है। वर्षों से विद्यालय को रंगाई पुताई न होने से दीवारों पर गंदगी फैली पड़ी है। एमडीएम शेड की फर्श भी जगह जगह से टूट चुकी है।