यूपी बोर्ड पेपर लीक केस में DIOS बृजेश मिश्र की बढ़ेगी मुश्किलें, सीएम योगी ने दिया संपत्ति की जांच का आदेश, पूर्व में BSA भी रह चुके हैं

यूपी बोर्ड 12वीं अंग्रेजी का पेपर लीक होने के मामले में निलंबित बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) बृजेश कुमार मिश्र की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबित डीआइओएस के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति की जांच कराये जाने का आदेश दिया है। जल्द संबंधित जांच एजेंसी इसकी पड़ताल शुरू करेगी।


यूपी बोर्ड 12वीं अंग्रेजी का पेपर लीक होने के बाद शासन ने परीक्षा रद कर दी थी और पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी थी। एसटीएफ ने डीआइओएस बृजेश कुमार मिश्र व एक स्थानीय पत्रकार समेत अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर जांच शुरू की थी। इसी दौरान निलंबित डीआइओएस बृजेश कुमार मिश्र के अकूत संपत्ति के मालिक होने का तथ्य सामने आया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी बृजेश मिश्र की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रहा है।


यूपी बोर्ड 12वीं के अंग्रेजी के पेपर लीक मामले में फंसे बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्रा प्रयागराज और लखनऊ समेत कई जिलों में अकूत संपत्ति के मालिक हैं। प्रयागराज जिले में सिविल लाइंस के हनुमान मंदिर के पास करोड़ों की कोठी है और झूंसी में कई एकड़ में उनका फार्म हाउस है। बिहार में भी उनके पास आलीशान माल होने की बात कही जा रही।

बृजेश मिश्र प्रयागराज में तैनाती के दौरान भी सुर्खियों में रहे हैं। सिविल लाइंस स्थित हनुमत निकेतन मंदिर के पास एक बंगला उनका ही बताया जाता है। जानकारों का दावा है कि वह जब वर्ष 2007 से 2009 तक बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) थे उसी दौरान इसे खरीदा गया था। जिलाधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल में आशीष कुमार गोयल ने इस बंगले में छापा भी मारा था। हालांकि, कैश नहीं मिला था।


मूलत: बिहार निवासी बृजेश मिश्र की तैनाती प्रयागराज के अलावा प्रतापगढ़, हरदोई, जौनपुर में भी रही है। उनकी पत्नी अन्विता की तैनाती अल्पसंख्यक विद्यालय (नूरजहां उच्चतर माध्यमिक विद्यालय) में 21 अप्रैल 2011 को सहायक अध्यापक के रूप में हुई। बीएसए कार्यालय से 15 अप्रैल 2011 को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। आरोप लगा था कि मनमाने तरीके से बृजेश ने पत्नी की नियुक्ति कराई है। उस समय भी बृजेश यहां बीएसए ही थे।


हरदोई में बीएसए रहते हुए बृजेश के पास डीआइओएस का भी चार्ज था। यहां मनमाने ढंग से बोर्ड परीक्षा के केंद्र बनाने और शिक्षक भर्ती को लेकर उन पर उंगली उठी थी। बलिया में डीआइओएस के रूप में तैनाती से पहले प्रयागराज में सहायक शिक्षा निदेशक पत्राचार के पद पर उनकी तैनाती थी।