छोटे जिलों के बच्चों ने देखा है एक बड़ा सपना, केंद्र सरकार चार साल तक प्रतिमाह देती है एक हजार छात्रवृत्ति



उत्तर प्रदेश के छोटे जिलों के बच्चों ने बड़े सपने देखे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी जाने वाली राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति के लिए छोटे जिलों के सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ में पढ़ने वाले बच्चों ने सर्वाधिक आवेदन किए हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सरकारी स्कूलों के बच्चे 8वीं के बाद पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। इस योजना के तहत कक्षा नौ से 12 तक मिलने वाली प्रतिमाह एक हजार रुपये की छात्रवृत्ति इन बच्चों की पढ़ाई और सपनों को पूरा करने का सहारा बनेगी।


पूरे प्रदेश में 13 नवंबर को होने जा रही परीक्षा के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी को सबसे अधिक 6347 आवेदन जौनपुर से मिले हैं। सीतापुर से 5265, पीलीभीत 4802, वाराणसी 4511, अयोध्या 4218 व अम्बेडकरनगर से 4175 बच्चे छात्रवृत्ति परीक्षा देने जा रहे हैं। खास बात है कि इस बार छात्रवृत्ति के लिए रिकॉर्ड 1,67,545 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किए हैं।

पिछले साल केवल 38,837 बच्चों ने आवेदन किया था और उनमें से 6456 बच्चे ही छात्रवृत्ति परीक्षा में पास हो सके थे। यूपी के लिए निर्धारित 15143 सीटों में से आधे से अधिक 8687 खाली चली गई थी।

टॉप पांच जिले और सीटों का कोटा

जिला आवेदन सीटें

जौनपुर 6347 358

सीतापुर 5265 359

पीलीभीत 4802 160

वाराणसी 4511 269

अयोध्या 4218 208


● छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए छोटे जिलों से सर्वाधिक आवेदन

● जौनपुर, सीतापुर और पीलीभीत के छात्र-छात्राएं सबसे आगे

● सरकारी स्कूलों के प्रदेशभर के 15,143 बच्चों को मिलती है छात्रवृत्ति

● केंद्र सरकार चार साल तक प्रतिमाह देती है एक हजार छात्रवृत्ति

● आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पढ़ाई छोड़ देते हैं बच्चे