मातृत्व अवकाश नौ माह करने की मांग



नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य पीके पॉल ने कहा कि महिला कर्मियों के लिए मातृत्व अवकाश छह माह से बढ़ाकर नौ माह करने पर विचार करना चाहिए।


नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मातृत्व अवकाश की सीमा छह से बढ़ाकर नौ माह किए जाने की जरूरत बताई है। उन्होंने सरकारी और निजी क्षेत्र से इसे बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा है।

संसद में पारित मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत अभी भारत में कामकाजी महिलाओं के लिए 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश का प्रावधान है। पहले यह सीमा केवल 12 सप्ताह थी ।

उद्योग संगठन फिक्की महिला संगठन (एफएलओ) के एक कार्यक्रम में डॉ. पॉल ने कहा, बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल का क्षेत्र एक उभरता हुआ सेक्टर है। आने वाले समय में कार्यस्थल पर पालनाघर जैसी व्यवस्थाओं और बुजुर्गों की देखभाल के लिए बड़ी संख्या में कुशल कार्यबल की जरूरत पड़ेगी। निजी क्षेत्र को बच्चों की देखरेख के लिए एक समग्र योजना बनाने में भी नीति आयोग की मदद करनी चाहिए। वहीं, एफएलओ की अध्यक्ष सुधा शिवकुमार ने कहा कि दुनिया में देखभाल की अर्थव्यवस्था में बच्चों और बड़ों की देखभाल, घरेलू काम का वैतनिक व अवैतनिक श्रम शामिल हैं। आर्थिक प्रगति, लैंगिक समानता व महिला सशक्तीकरण के लिए यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है।


भारत वैतनिक मातृत्व अवकाश के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है। भारत में मातृत्व अवकाश के मामले में तमिलनाडु पहले नंबर पर है। यहां राज्य सरकार की कर्मचारियों को 2016 में नौ महीने के अवकाश का प्रावधान किया गया था।