बरेली, परिषदीय स्कूलों के बच्चों के शैक्षिक स्तर और व्यक्तित्व विकास में समर कैंप ने अहम भूमिका निभाई है। बरेली में 22 मई से 17 जून तक समर कैंप का आयोजन हुआ था। कैंप में शामिल विद्यार्थियों और वॉलिंटियर से जुड़े लघु शोध में बेहद उत्साह वर्धक परिणाम मिले हैं। लगभग 48 प्रतिशत बच्चों का पर्सनालिटी डेवलपमेंट हुआ, वहीं 38.25 फीसदी बच्चों का शैक्षिक स्तर सुधर गया।
बरेली में सीडीओ जग प्रवेश की पहल पर 22 मई से 17 जून तक समर कैंपों का आयोजन किया गया। 1152 स्कूलों के 48791 छात्रों ने कैम्प में हिस्सा लिया। कैम्प के बाद तीन महीने तक एसआरजी डॉ. अनिल चौबे ने अपनी टीम के साथ लघु शोध किया। अध्ययन में ऐसे बच्चों से भी शैक्षिक क्रियाकलापों पर चर्चा की गई, जो कैंप में शामिल नहीं रहे। ऐसे बच्चों से उनकी दैनिक दिनचर्या और उनके भाषा एवं गणित के शैक्षिक स्तर का मार्च महीने के सापेक्ष आंकलन किया गया। शोध में 465 वॉलिंटियर, 112 प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक और तीन एआरपी ने हिस्सा लिया।
38 फीसदी बच्चों का सुधर गया शैक्षिक स्तर
वॉलिंटियर्स के अनुसार जो बच्चे कैंपों में शामिल हुए उनकी भाषा और गणित के स्तर में 38.25 फीसदी बढ़ोतरी पाई गई। 53.30 फीसदी छात्रों का स्तर वही रहा, जबकि 8.45 फीसदी छात्रों का स्तर गिर गया। जो छात्र कैंप में शामिल नहीं हुए, उनके भाषा और गणित के स्तर 83.75 फीसदी तक गिर गया। सिर्फ 3.50 फीसदी छात्रों के शैक्षिक स्तर में वृद्धि दर्ज की गई। 12.75 फीसदी का स्तर वही रहा।
52 फीसदी में हुआ कौशल विकास
समर कैंप के दौरान पढ़ाई के साथ बच्चों को खेल, नृत्य, संगीत, पेंटिंग, क्राफ्ट आदि का प्रशिक्षण कराया गया। कैंप में निरंतर सक्रिय रहने से 52.85 फीसदी बच्चों में कौशल विकास हुआ। कैंप में शामिल बच्चों में से 48.35 फीसदी में व्यक्तित्व विकास हुआ।