आंगनबाड़ी से दिव्यांग बच्चों की देखभाल


बच्चों की बेहतरी पहली प्राथमिकता

आंगनबाड़ी केंद्रों में दिव्यांग बच्चों की ज़रूरत के हिसाब से आधारभूत ढाँचे का निर्माण भी होगा। इस प्रोटोकॉल का मुख्य उद्देश्य यह है कि जोखिम वाले या दिव्यांगता या देरी से विकास करने वाले शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप, विशेष सहायता और सेवाओं के माध्यम से बच्चों की सेहत और अन्य ज़रूरतों में समग्र सुधार हेतु कदम उठाये जायें। महिला बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि परिवार और सामुदायिक जीवन में दिव्यांग बच्चों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए परिवारों और समुदायों को शिक्षित करने और इस काम में उनकी मदद करने की आवश्यकता है। प्रोटोकॉल इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।

नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिव्यांग बच्चों पर नजर रखने और उनकी मदद करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल लॉन्च किया। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह पहली बार है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस मुद्दे पर जागरूकता का फैलाएंगी।

दिव्यांग बच्चों के लिए आंगनवाड़ी प्रोटोकॉल के शुभारंभ के बाद ईरानी ने कहा, अगर हम इसे सामुदायिक नजरिए से देखें, तो यह हमारे समुदाय में एक मूक क्रांति है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, पहली बार, आंगनबाड़ियों की बहनें जागरूकता फैलाएंगी कि दिव्यांगता समाज के लिए एक चुनौती नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक बच्चे की मदद करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा मानसिकता को बदलने की जरूरत है। सरकार का यह कदम इसी दिशा में प्रयास है। स्मृति ईरानी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 दिव्यांग छात्रों को मुख्यधारा के स्कूलों में शामिल करने को प्राथमिकता देने पर जोर देती है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के बारे में जमीनी स्तर का डेटा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगा, और पोषण ट्रैकर के माध्यम से बच्चों को आगे ट्रैक किया जा सकता है।