प्रदेश मंत्रिपरिषद ने सामान्य भविष्य निधि (उत्तर प्रदेश) संशोधन नियमावली 1985 में संशोधित कर दी है। अब केंद्रीय कर्मचारियों की तरह राज्य कर्मचारी भी सामान्य भविष्य निधि की सदस्यता होने पर पांच लाख रुपये तक कटवा (अंशदान) कर सकेंगे।
मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इस संशोधन प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया। सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवाएं) नियम 1960 में 15 जून 2022 को संशोधन कर यह व्यवस्था दी गई थी कि जीपीएफ सदस्य कार्मिक एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम पांच लाख रुपये तक अंशदान कर सकता है। भारत सरकार द्वारा 2022-23 से लागू इस व्यवस्था को राज्य में लागू किए जाने का प्रस्ताव शासन ने मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत किया था।