यूपी बोर्ड एग्जाम में परीक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी पर नोटिस जारी



● सचिव ने डीआईओएस से मांगा जवाब

● जांच आख्या न मिलने पर की जाएगी कार्रवाई

प्रयागराज,। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट कंप्यूटर विषय की प्रायोगिक परीक्षा में हिन्दी-अंग्रेजी के शिक्षकों की ड्यूटी लगाने पर सचिव दिब्यकांत ने सख्त रुख अपनाया है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में बुधवार को ‘कंप्यूटर की प्रैक्टिकल परीक्षा ले रहे हिन्दी-अंग्रेजी के शिक्षक’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद सचिव ने प्रयागराज के जिला विद्यलय निरीक्षक पीएन सिंह को नोटिस जारी किया है।


सचिव ने लिखा है कि प्रयोगात्मक परीक्षकों की नियुक्ति विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से यूपी बोर्ड के पोर्टल पर उनके विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के अपलोड कराए गए एवं जिला विद्यालय निरीक्षक/बोर्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से सत्यापन के बाद शिक्षकों के शैक्षिक विवरणों के आधार पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जाती है। ‘हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित समाचार का हवाला देते हुए लिखा है कि अंग्रेजी व हिन्दी विषय के शिक्षकों क्रमश डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी, प्रभारी प्रधानाचार्य राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज कमलानगर बहरिया तथा ईश्वर शरण इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दिलीप अवस्थी को इंटर कम्प्यूटर में प्रयोगात्मक परीक्षक नियुक्त किया गया है। लिहाजा स्पष्ट करें कि उक्त दोनों शिक्षकों की कंप्यूटर विषय में शैक्षिक योग्यताएं क्या हैं और पिछले पांच वर्षों में विद्यालय की समय-सारिणी में प्रति सप्ताह कंप्यूटर विषय के कितने वादन लगे थे। अभिलेख के अनुसार जांच कर साक्ष्य सहित अपनी जांच आख्या तीन दिन के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। यदि पूरे तथ्यों सहित जांच आख्या प्रस्तुत नहीं की जाती है तो ऐसी स्थिति में उच्च स्तरीय जांच कराकर डीआईओएस के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाएगी। प्रकरण छात्रहित से संबंधित है। इसलिए प्रथम दृष्टया जांच में यदि कोई प्रतिकूल तथ्य मिलते हैं तो संबंधित के विरूद्ध आवश्यकतानुसार वैधानिक कार्रवाई कराकर तत्काल सूचित करें।