12460 शिक्षक भर्ती का पूरी अपडेट, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद


लखनऊ : 2016 में बेसिक शिक्षकों

की 12,460 पदों पर निकली भर्ती में से बचे हुए 5,856 सहायक शिक्षकों के विद्यालय आवंटन का रास्ता साफ हो गया है। पीड़ित अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहां पर अभ्यर्थियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने गर्मी की छुट्टियों के बाद 15 जून से शुरू हो रहे सत्र से पहले नियुक्ति के आदेश दिए हैं। साथ ही यह कहा है कि अभ्यर्थियों की भर्ती मामले के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी।


क्या था विवाद ?

15 दिसंबर 2016 को बेसिक स्कूलों में 12,460 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन | निकाला गया था। तब 75 में से 24 जिले

ऐसे थे, जिनमें एक भी पद नहीं था। ऐसे में इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों को दूसरे जिलों में आवेदन करने की छूट दी गई थी। 16 मार्च 2017 को इस भर्ती की पहली काउंसलिंग हुई थी, लेकिन इस बीच सरकार बदल गई। नई सरकार ने भर्ती की समीक्षा के नाम पर 23 मार्च 2017 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। हालांकि, 16 अप्रैल 2018 को दोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी थी। 23 अप्रैल 2018 को फिर सभी चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग करवाई गई। इसी बीच मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां 18 अप्रैल को 24 शून्य पद वाले जिलों के अभ्यर्थियों के आवंटन पर रोक लगा दी गई थी। एक मई 2018 को बचे हुए 51 जिलों के 6512 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया था। 5,856 अभ्यर्थी मेरिट में होने के बावजूद विद्यालय आवंटन नहीं पा

सके थे। यही अभ्यर्थी मामले की राहत की गुहार लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। जहां से अंतरिम आदेशों के तहत इन अभ्यर्थियों के विद्यालय आवंटन का रास्ता साफ कर दिया गया है।

बीएसए कार्यालयों से मांगी गई रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद पीड़ित अभ्यर्थियों में से अर्जुन कन्नौजिया, देवेश, विजय, प्रदीप और रंजित वर्मा समेत अन्य ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी को ऑर्डर रिसीव करवा दिया है। सूत्र बताते हैं कि बेसिक शिक्षा परिषद ने संबंधित जिलों के बीएसए से चयनितों के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों का दावा है कि अगले महीने इन अभ्यर्थियों को आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।