लखीमपुर खीरी। जिले के 3106 परिषदीय स्कूलों के रंगरोवन समेत अन्य कार्य कराने के लिए 14 करोड़ की कंपोजिट ग्रांट जारी की गई है। ग्रांट मिलने के बाद प्रधानाध्यापक और इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने रंगरोवन के साथ ही स्कूल में जरूरी सामान की खरीदारी शुरू कर दी है। अधिकांश स्कूलों की हालत खराब है। रंगाई पुताई का कार्य नहीं हुआ है। ग्रांट बच्चों की संख्या के हिसाब से दी जाती है।
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि कंपोजिट ग्रांट दस हजार से लेकर 75 हजार रुपये तक दी जाती है। इससे विद्यालय में रंगरोवन के अलावा पढ़ाई के दौरान उपयोग होने वाली चाक से लेकर हाथ धोने के लिए साबुन, टॉयलेट क्लीनर सहित स्कूलों में जरूरत की चीजें खरीदी जाती हैं। ग्रांट भेजने के साथ प्रधानाध्यापक और इंचार्ज प्रधानाध्यापक को निर्देश जारी किया है कि ग्रांट से संबंधित जिस भी सामग्री और रंगरोवन का कार्य कराया जाएगा, उपभोग प्रमाण पत्र देना आवश्यक होगा। सभी बीईओ को इस पर निगाह रखने और निरीक्षण करते हुए जरूरी जानकारी करने के निर्देश जारी हुए हैं।
कम संख्या वाले स्कूलों में कम ग्रांट से होती है दिक्कत
परिषदीय स्कूलों में 30 नामांकन वाले स्कूलों को 10 हजार और 100 बच्चों तक वाले स्कूलों को 25 हजार रुपये की सालाना ग्रांट दी जाती है। इसी ग्रांट को पूरे साल चलाना पड़ता है। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल के इंचार्ज प्रधानाध्यापक स्कूल में जरूरी सामग्री की खरीद नहीं करते हैं। इससे बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चाक और छोटी मोटी कमियों को खुद के खर्चे पर करना पड़ता है।
इतने बच्चों पर मिलती है इतनी धनराशि
01 से लेकर 30 बच्चों तक 10 हजार
31 से लेकर 100 बच्चों तक 25 हजार
101 से लेकर 250 बच्चों तक 50 हजार
251 से अधिक संख्या वाले स्कूलों को 75 हजार