सूबे के सिर्फ 65 राजकीय स्कूलों में ही एक हजार से अधिक छात्र


प्रयागराज। सरकार से तमाम सुविधाएं मिलने के बावजूद राजकीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या नहीं बढ़ रही है। वैसे तो प्रदेश में 2427 राजकीय विद्यालय हैं, लेकिन समग्र शिक्षा माध्यमिक के राज्य परियोजना कार्यालय से 26 अप्रैल को 2306 स्कूलों के लिए कम्पोजिट ग्रांट जारी हुई है। इनमें से मात्र 65 स्कूल ऐसे हैं जहां एक हजार से अधिक छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। 1125 स्कूल ऐसे हैं जहां 100 से भी कम विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। 364 स्कूलों में 251 से एक हजार तक छात्र हैं, जबकि 752


स्कूलों में 101 से 250 छात्र संख्या है। एक हजारी क्लब में ललितपुर के सर्वाधिक छह जबकि बिजनौर के पांच स्कूल शामिल हैं। शाहजहांपुर और बांदा के तीन-तीन स्कूल शामिल हैं। 20 अप्रैल को घोषित यूपी बोर्ड के परिणाम पर नजर दौड़ाएं तो पाएंगे कि प्रदेश में राजकीय विद्यालयों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन उनमें विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है। 2023 में 2355 राजकीय हाईस्कूलों के 182297 विद्यार्थी 10वीं और 845 राजकीय इंटर कॉलेजों के 101471 छात्र छात्राएं 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे। 2024 में राजकीय हाईस्कूल की

संख्या 2427 हो गई, लेकिन उनमें 10वीं के छात्र-छात्राओं की संख्या घटकर 173630 रह गई। इसी प्रकार 2024 में राजकीय इंटर कॉलेजों की संख्या तो 892 हो गई, लेकिन उनमें 12वीं के विद्यार्थियों की संख्या 93716 ही थी। समग्र शिक्षा अभियान के सहायक लेखाधिकारी विनय प्रकाश का कहना है कि कम्पोजिट ग्रांट प्राप्त हो गई है जिसे जल्द ही स्कूलों को भेजा जाएगा।



इन स्कूलों में दस करोड़ से चाकचौबंद होगी व्यवस्था

समग्र शिक्षा अभियान के तहत जारी कम्पोजिट ग्रांट से स्कूलों में व्यवस्था चाकचौबंद होगी। जिन स्कूलों में एक हजार से अधिक विद्यार्थी है उन्हें एक लाख की आर्थिक सहायता मिली है। 251 से एक हजार तक छात्रसंख्या वाले स्कूलों को 75 हजार, 101 से 250 छात्रसंख्या तक 50 हजार और 100 से कम बच्चों वाले स्कूलों को 25 हजार की मदद दी गई है