नियुक्ति आप ने कीं तो पत्रावली आप पर होंगी, डीआईओएस की ओर से पत्रावली मांगने पर प्रधानाचार्य लिखित में भेज रहे जवाब

 

आगरा, । फर्जी नियुक्ति मामले में एक और नया मोड़ आ गया है। एक तरफ जहां पत्रावलियों की बात शासन तक पहुंच रही है। दूसरी ओर डीआईओएस के पत्रावली मांगने पर संबंधित कॉलेज उन्हें लिखित में भेज रहे हैं कि पत्रावलियां उनके पास नहीं है। नियुक्ति आपने की हैं तो आपके पास ही होंगी।





डीसी वैदिक की प्रधानाचार्य गुंजन आर्य के बयान ने डीआईओएस दफ्तर में हलचल मचा दी है। पांच दिनों से फर्जी नियुक्तियों की पत्रावली डीआईओएस द्वारा मांगी जा रही हैं। तय समय बीतने के बाद भी पत्रावली नहीं मिलीं या पत्रावली के लिए कहा ही नहीं गया। इसकी हकीकत क्या है, यह डीसी वैदिक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के बयान से जाहिर हो रहा है। प्रधानाचार्य का कहना है कि 30 अप्रैल तक पत्रावली से संबंधित कोई पत्र उन्हें रिसीव नहीं कराया गया। 2 मई को उन्हें पपत्र मिला। जो भी नियुक्तियां होती हैं, उनकी पत्रावली पहले ही डीआईओएस दफ्तर में पहुंच जाती हैं। प्रधानाचार्य के स्तर से ये नियुक्तियां नहीं हुई हैं तो उनसे पत्रावली क्यों मांगी जा रही है। क्यों वेतन रोकने का निर्देश दिया जा रहा है। जिनकी पत्रावली मांगी गई हैं,वह उनके संज्ञान में नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि फर्जी नियुक्ति के संबंध में उन्हें समाचार पत्र से पता चला। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का नियोक्ता प्रधानाचार्य होता है, लेकिन उन्होंने इस पद कभी कोई अनियमित नियुक्ति के लिए पत्रावली अग्रसारित नहीं की गई है।




पूर्व में हुईं यहां फर्जी नियुक्तियां


प्रधानाचार्य गुंजन आर्य का कहना है कि पूर्व में जब वह यहां प्रधानाचार्य नहीं थीं तब विद्यालय में बिना प्रधानाचार्य की संस्तुति तथा हस्ताक्षरों के डीआईओएस कार्यालय में साठगांठ करके कुछ लोगों की अनियमित नियुक्ति तथा पदोन्नतियां करने की शिकायतें हुईं थीं। अनियमित तरीके से वेतन दिलवाया जाता रहा। पूर्व प्रधानाचार्य के शिकायत करने पर डीआईओएस स्तर से संज्ञान नहीं लिया गया। शासन से लिपिक के पद पर नियुक्ति प्रतिबंधित होने और निदेशक की कोई अनुमति न होने के बाबजूद लिपिक के पद पर नियुक्ति की गई। अनुमोदन न मिलने पर लिपिक के पद पर नियुक्त की गई महिला ने उच्च न्यायालय में याचिका दी। जिसमें पूर्व डीआईएस ने प्रति शपथ पत्र दाखिल करते हुए उस नियुक्ति को अमान्य बताया।



पत्रावलियों का मांगना है सिर्फ दिखावटी

जिन विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति की गई है। उनकी पत्रावलियां तो दिखावटी मांगी जा रही हैं। या फिर संबंधित को पूर्ण विश्वास था कि समय रहते हुए पत्रावली का खेल भी हो जाएगा। लेकिन खेल बीच में ही खराब हो गया।


अब लिपिक लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप


डीआईओएस कार्यालय के एक बाबू का ऑडियो वायरल हुआ है। जिसमें वह पूर्व डीआईओएस 2 को गाली दे रहा है। शिक्षक संगठनों ने आरोप लगाया है कि उसने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया है। इसके साथ ही डीआईओएस कार्यालय में तैनात कथित बाबू पर भी आरोप लग रहे हैं। जब मामला बढ़ा है तो एक-दूसरे की पोल खोलने में लगे हुए हैं।