PRIMARY KA MASTER: नई कक्षा में प्रवेश देकर छात्रों का ऑनलाइन सत्यापन भूले शिक्षक, कैसे ट्रांसफर होगा पैसा

शाहजहांपुर,  प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के जिम्मेदारों ने नई कक्षा में बच्चों के प्रवेश तो कर लिए, लेकिन उनके अभिभावकों के खातों में होने वाले डीबीटी का सत्यापन करना भूल गए। नई कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को नए सत्र 2024- 25 में जूता-मोजा, बैग, स्वेटर व किताबों के लिए दिए जाने वाले रुपये डीबीटी के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजा जाता है। इसके लिए पहले से विद्यालय के अध्यापकों के माध्यम से प्रेरणा पोर्टल पर विवरण भरना होता है। 



इसके बाद में ब्लॉक स्तर से बीईओ को फारवर्ड करना होता है, लेकिन प्रदेश के लगभग सभी जनपदों में शिक्षकों ने बच्चों के अभिभावकों के डीबीटी करने में लापरवाही की है। वहीं, पहले से डीबीटी किए डाटा को बीईओ की लापरवाही से लाखों बच्चों के डीबीटी विवरण को पोर्टल से फारवर्ड ही नहीं किया गया, जिस कारण समय से अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजना संभव नहीं हो रहा है। इस मामले में महानिदेशक की ओर से नाराजगी जताई है। उन्होंने 30 मई तक लंबित सत्यापन शून्य करने के निर्देश दिए हैं। बीईओ स्तर पर लंबित मामले में प्रथम स्थान पर सीतापुर, दूसरे पर प्रयागराज तथा तीसरे पर खीरी जिला रहा है।

इन जनपदों में सबसे सत्यापन लंबित

सीतापुर में 224056, प्रयागराज में 210043, खीरी में 197286, बहराइच में 189791, हरदोई में 138179, गोंडा में 123628, गाजीपुर में 123384, फतेहपुर में 120498, बरेली में 115163, शाहजहांपुर में 113566 अभिभावकों की डीबीटी लंबित हैं।


इन जनपदों में है सबसे कम लंबित

बागपत में 9510, हमीरपुर में 16282, गाजियाबाद में 25174, हापुड़ में 25336, भदोही में 26190, कानपुर नगर में 30313, औरैया में 31033, मऊ में 35256, मैनपुरी में 36747, शामली में 39982 अभिभावकों की डीबीटी लंबित है।