14 September 2025

एक ही गलती पर एक शिक्षक को माफी, दूसरे को सजा क्यों?

 



प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो शिक्षकों के खिलाफ एक ही गलती की शिकायत पर एक को निलंबित करने और दूसरे को माफ करने के बीएसए इटावा के निर्णय पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि बीएसए का रवैया उनकी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। यह प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग है। साथ ही अगली सुनवाई पर बीएसए इटावा को व्यक्तिगत रूपसे हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने इटावा के प्रबल प्रताप सिंह की याचिका पर उसके अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार



त्रिपाठी को सुनकर दिया है। एडवोकेट अग्निहोत्री त्रिपाठी का कहना था कि याची और ज्योति राव के खिलाफ सहयोगियों से दुर्व्यवहार करने की शिकायत की गई थी, जिस पर बीएसएने याची को निलंबित कर दिया। उसके खिलाफ जांच शुरू करते हुए आरोप पत्र दे दिया गया जबकि ज्योति राव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। बीएसए का यह आदेश भेदभावपूर्ण है क्योंकि याची ने जो स्पष्टीकरण दिया उसे बीएसए ने स्वीकार नहीं किया


जबकि उसी मामले में ज्योति राव का स्पष्टीकरण स्वीकार कर लिया गया और उसके खिलाफ समस्त कार्यवाही समाप्त कर दी गई। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड देखने से पता चलता है कि दोनों अध्यापकों ने स्पष्टीकरण दिया था लेकिन बिना कोई कारण बताए मनमाने तरीके से याची के स्पष्टीकरण को असंतोषजनक करार दे दिया गया।


बहू की मायके में खुदकुशी गिरफ्तारी पर


[3] प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति पत्नी के झगड़े के अगले दिन पत्नी द्वारा मायके में खुदकुशी को लेकर दर्ज मुकदमे में तीन ननदों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मामले के शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर राज्य सरकार सहित विपक्षी से चार सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं न्यायमूर्ति पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने बुलबुल पाल व दो अन्य की याचिका पर अधिवक्ता विवेक पाल और सरकारी वकील को सुनकर दिया है। एडवोकेट विवेक पाल का कहना है कि गत 21 अगस्त को प्रयागराज के करछना थाने में याचियों के खिलाफ दहेज हत्या सहित अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।


बारात घर का निर्माण रोकने की मांग खारिज


प्रयागराज। हाईकोर्ट ने हाथरस के नगर पंचायत पुरदिल नगर में बारात घर का निर्माण रोकने की मांग में दाखिल [4] जनहित याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावित बारात घर का निर्माण जारी रखने को नगर पंचायत स्वतंत्र है। यह भी कहा कि यह याचिका अच्छी नीयत से दाखिल नहीं की गई है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने दिया है। हाथरस निवासी अंशुल कुमार ने पीआईएल दाखिल कर सिकंदराराऊ तहसील के पुरदिल नगर कस्बा स्थित सोरो गेट मोहल्ले में बन रहे बारात घर के निर्माण को रोकने की मांग की थी। कहना था कि यह भूमि राजस्व में नवीन परती और हरिजन आबादी सुरक्षित के रूप में दर्ज है।


बंद नाली खुलवाकर किया कोर्ट के आदेश का अनुपालन प्रयागराज।

 प्रयागराज की करछना तहसील की ग्राम सभा भुन्डा में गुंडागर्दी एवं दबंगई करके वर्ष 1972 में बनी चकबंदी के समय की सिंचाई की पाटी नाली को खुलवाकर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया और इस आशय का हलफनामा भी दाखिल किया, जिसके बाद कोर्ट ने मामला निस्तारित कर दिया। मामले के तथ्यों के अनुसार मनीष मनीष कुमार शुक्ल ने अधिवक्ता मिथिलेश कुमार शुक्ल के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि वर्ष 2022 में ग्राम प्रधान भुन्डा के पति, पुत्र एवं एक मौजा लोगों के साथ मिलकर गुंडागर्दी एवं दबंगई करके वर्ष 1972 में बनी चकबंदी के समय की नाली को पाटकर जेसीबी से समतल करा दिया। इससे सिंचाई के अभाव में वहां स्थित किसानों की दो तूर की फसल सूख गई।