06 October 2025

हाल टैबलेटों का : न लग रही हाजिरी और न भरा जा रहा एमडीएम का हिसाब-किताब

हाल टैबलेटों का : न लग रही हाजिरी और न भरा जा रहा एमडीएम का हिसाब-किताब



हरदोई। परिषदीय विद्यालयों में व्यवस्था सुधार के उद्देश्य से दिए गए टैबलेट पर शिक्षक न तो हाजिरी दर्ज कर पा रहे हैं और न ही एमडीएम का विवरण फीड कर रहे हैं। शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, नियमित हाजिरी और एमडीएम व ड्रेस आदि के विवरण को अद्यतन रखे जाने और नियमित निगरानी के लिए दिए गए 6,830 टैबलेट उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

शासन ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से एक-एक परिषदीय स्कूल को दो-दो टैबलेट दिए जिसमें एक टैबलेट प्रधानाध्यापक के पास और दूसरा सहायक अध्यापक को मिला है। टैबलेट पर शिक्षकों को उपस्थिति दर्ज करने के साथ ही एमडीएम में छात्रों की उपस्थिति, छात्रों के लिए ई-नोट्स बनाकर पढ़ाने, स्टॉक रजिस्टर, आय-व्यय का ब्योरा सहित 11 कामों को करने की व्यवस्था है।
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टैबलेट के नियमित उपयोग और इंटरनेट आदि के लिए सिम रिचार्ज कराने के लिए 200 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। बावजूद सभी शिक्षक इनका उपयोग न कर रजिस्टर पर ही कामकाज निपटा रहे हैं। शासन की तरफ से बेसिक विभाग के माध्यम से साल 2023 में 2,777 स्कूल को 5,212 टैबलेट और अप्रैल 2025 में 908 स्कूल को 1,618 टैबलेट दिए गए हैं। विद्यालय भवनों की मरम्मत और अन्य कार्य के लिए कंपोजिट ग्रांट के साथ ही 400 रुपये प्रतिमाह सिम रिचार्ज के लिए भी दिए गए।
स्कूलों में टैबलेट के उपयोग की जानकारी के लिए शनिवार को संवाद न्यूज एजेंसी की टीम ने पड़ताल की। स्कूल में शिक्षकों के पास टैबलेट तो मिले लेकिन उनमें से अधिकांश शोपीस ही हैं। शिक्षकों ने उपयोग के संबंध में बताया कि शिक्षक संघ की तरफ से टैबलेट का उपयोग न करने के लिए कहा गया है। शिक्षकों ने बताया कि वह अपनी और एमडीएम में छात्राें की हाजिरी नहीं दर्ज करते हैं। रजिस्टर पर अंकित किए जाने के बाद विवरण को टैबलेट पर फीड कर देते हैं।
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अभी तक सिम ही नहीं मिल पाया, नेटवर्क की भी समस्या
-परिषदीय विद्यालयों की पड़ताल में एक बड़ा ही रोचक तथ्य सामने आया है। कोथावां के प्राथमिक विद्यालय झरोइया के प्रधानाध्यापक रविंद्र कुमार ने टैबलेट के संबंध में बताया कि टैबलेट तो मिला लेकिन अभी तक सिम नहीं मिला जिससे वह ऑनलाइन कुछ काम अपने मोबाइल से ही कर लेते हैं।
-विकास खंड अहिरोरी के करीमनगर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पंकज कुमार ने बताया कि टैबलेट मिला है, जोकि खराब हो गया है जिससे उस पर कोई काम नहीं हो पा रहा है।
-अहिरोरी के ही प्राथमिक विद्यालय जमुनिया के प्रधानाध्यापक कृष्ण मुरारी ने बताया कि टैबलेट तो है पर नेटवर्क की समस्या के कारण कोई काम नहीं हो पाता।

-कोथावां के प्राथमिक विद्यालय विराहिमपुर के प्रधानाध्यापक सुरजीत ने बताया कि लैपटॉप व प्रोजेक्टर की मदद से बच्चों को पढ़ाया जाता है। उसी पर ऑनलाइन काम भी कर लिया जाता है। टैबलेट तो मिला है लेकिन अभी तक सिम नहीं मिला जिससे टैबलेट पर कोई काम नहीं हो पाता है।
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केस एक :
प्राथमिक विद्यालय हरैया के इंचार्ज प्रधानाध्यापक बृजेंद्र कुमार स्कूल में बच्चों को पढ़ाते मिले। उन्होंने बताया कि टैबलेट से सहूलियत तो हुई है। स्कूल कस्बा के करीब होने से सिग्नल भी ठीक मिल जाते हैं जिससे काम में आसानी रहती है।
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केस दो
कोथावां अटिया मझिगवां स्कूल में सहायक अध्यापिका कक्षा कक्ष में मिलीं। उन्होंने बताया कि टैबलेट पर ई-नोट्स बना लेतीं हैं जिससे बच्चों को जानकारी दी जाती है। शिक्षिका कक्षा में टैबलेट से बच्चों को पढ़ाती मिलीं।
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केस तीन
महमूद बाग प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमानंद राठौर ने बताया कि टैबलेट की बड़ी स्क्रीन होने से काम में तो आसानी हुई है पर सिग्नल कमजोर आने से काम में समय बहुत लगता है जिससे अन्य काम भी प्रभावित होते हैं।
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केस चार
मझिगवां संविलियन विद्यालय में शिक्षिका नीतू वर्मा ने बताया कि टैबलेट के माध्यम से बच्चों को कहानी आदि सुनाई जाती हैं। सिम में सिग्नल आदि ठीक से न आने से अन्य कामों के लिए दिक्कतें आती हैं।
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हाजिरी का विरोध जारी रहेगा : आलोक मिश्रा
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आलोक मिश्रा ने बताया कि टैबलेट का संघ शुरू से ही विरोध कर रहा है। टैबलेट पर हाजिरी लगवाए जाने का विरोध जारी रहेगा।
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परिषदीय विद्यालयों को 6,830 टैबलेट दो बार में शासन की तरफ से दिए गए हैं। एक विद्यालय में दो-दो टैबलेट हैं। टैबलेट की गूगल मैपिंग भी कराई गई है ताकि टैबलेट नियमित स्कूल लाया जाए और उसके उपयोग की जानकारी भी होती रहे। साथ ही 200 रुपये प्रतिमाह रिचार्ज के लिए भी दिए जाते हैं। यदि कोई शिक्षक टैबलेट स्कूल नहीं लाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। -दिलीप शुक्ला, जिला समन्वयक प्रशिक्षण