बाराबंकी। बेसिक शिक्षा विभाग के
परिषदीय विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में तैनात नौ सहायक अध्यापकों को अब प्रधानाध्यापक का वेतन मिलेगा। इसी के साथ बाराबंकी प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां सहायक अध्यापकों से प्रभारी का काम लेने पर उनको पिछले तीन साल का प्रधानाध्यापक वाला बकाया वेतन जारी किया जा रहा है।
जिले में सहायक अध्यापकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाने की परंपरा पुरानी है। अनुमानित तौर पर जिले में 150 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं। पहले तक ये शिक्षक प्रभारी का काम करने के बावजूद केवल सहायक अध्यापक का वेतन ही पाते थे। अभी पूरे प्रदेश में यही व्यवस्था लागू थी।
पूरेडलई ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय खेवराजपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनय कुमार समेत नौ शिक्षकों ने पिछले साल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 12 सितंबर 2024 को अदालत ने
याचिकाकर्ताओं के वेतन मामले में त्रिपुरारी दुबे केस के अनुसार निर्णय लेने का आदेश दिया। इसके लिए प्रदेश सरकार को छह हफ्ते का समय दिया।
निर्धारित समय में आदेश का पालन नहीं हुआ। इसके बाद 16 मार्च 2025 को याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका दायर की। ऐसे में बाराबंकी में कोर्ट के आदेश पर तेजी से काम शुरू हुआ।
यहां जिन नव सहायक अध्यापकों को वेतन जारी किया जाएगा, उनमें सभी पूरे डलई ब्लॉक के हैं। इनमें अनुज चौधरी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, मंजू तिवारी संजय कुमार, राहुल कुमार और याची विनय कुमार शामिल हैं।
मामले में बीएसए संतोष देव पांडे ने बताया कि अदालत के आदेश के अनुपालन में नौ सहायक अध्यापकों को करीब 1.98 लाख रुपये बकाया वेतन जारी करने का आदेश दिया है। जिलेभर के प्रभारी प्रधानाध्यापकों का पता लगाने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। (संवाद