लखनऊ। आईबीपीएस क्लर्क 2025 की परीक्षा का आयोजन करा रहे बैंकिंग कार्मिक संस्थान द्वारा दो दिन पूर्व बीआर परीक्षा केंद्र को एक मेल की थी। मेल में संदिग्ध साल्वर अभिषेक की फोटो और दस्तावेज थे। दरअसल अभिषेक पूर्व में भी कई परीक्षाओं में साल्वर के रूप में बैठा था। परीक्षा केंद्र संचालक शैलेंद्र बाजपेयी ने मेल देखी। इसके बाद सघन चेकिंग शुरू की। चेकिंग में अभिषेक को पकड़ा गया। एसीपी कृष्णानगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि शैलेंद्र बाजपेयी की सूचना पर बिजनौर पुलिस केंद्र पर पहुंची। उसने बताया कि वह बिहार के गौरव के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आया था। अभ्यर्थी गौरव को पकड़ा गया। फोटो को फेस मिक्सिंग एप MIXX GRINDR REMINI AI, CHAT GPT, FOTOR से बनाते थे।
लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा 2025 में सॉल्वर बिठाने वाला गिरोह परीक्षा कार्यक्रम घोषित होते ही शिकार तलाशने लगता था। तिथि के ऐलान के साथ अभ्यर्थियों को लालच देने का काम शुरू हो जाता था। गिरोह के सदस्य परीक्षा के पूर्व फार्म भरते समय ही अभ्यर्थी और सॉल्वरों की फोटो एआई से 70 फीसद तक हूबहू बना लेता था। इसे ही फार्म और फिर एडमिट कार्ड में लगकर आती थी। ऐसे में परीक्षा केंद्र में पहुंचने के बावजूद वहां निरीक्षकों को शक नहीं होता था। रविवार को गिरोह के सदस्य अभिषेक को पुलिस ने केंद्र से पकड़ा था।
पूछताछ में गिरोह के बारे में सुराग मिले थे। इसके बाद अपर पुलिस उपायुक्त आरपी बसंत कुमार के निर्देशन में एसीपी कृष्णानगर विकास कुमार पांडेय, इंस्पेक्टर बिजनौर, क्राइम और सर्विलांस टीम को लगाया गया था। मंगलवार को सरगना समेत गिरोह के आठ सदस्यों को बिजनौर तहसील के पास किसान पथ अंडर पास से गिरफ्तार किया गया है।
एसीपी कृष्णानगर विकास पांडेय ने बताया कि गिरोह के सदस्यों में सॉल्वर रोहित निवासी पटना (दलाल), योगेंद्र कुमार निवासी गया बिहार, शिव कुमार निवासी जहानाबाद बिहार के अलावा योगेन्द्र कुमार और आकाश दीप समेत 10 लोग फरार हैं।