प्रदेश में निजी डिग्री कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को मान्यता देने में अब सख्ती की जाएगी। विभिन्न पाठ्यक्रमों की मान्यता बिना कोर्स चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। यही नहीं प्रवेश से पहले कॉलेजों से उनके यहां पर चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों और उसकी मान्यता का ब्यौरा लिया जाएगा। जिससे बिना मान्यता के चल रहे पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर छात्रों का भविष्य न फंसे।
उच्च शिक्षा विभाग के साथ-साथ सभी राज्य विश्वविद्यालय इसे लेकरअब सख्ती बढ़ाएंगे। कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान बिना मान्यता के पाठ्यक्रम न चला सके इसके लिए जिलों में डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटियां जांच करेंगी। मान्यता में कोई खेल न हो इसके लिए ऑनलाइन निगरानी भी की जाएगी। जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश न हो। नए डिग्री कॉलेजों को मान्यता देने के लिए गठित विशेषज्ञ कमेटी में शामिल उच्च शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कॉलेजों ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया व नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए जिन अलग-अलग काउंसिल से मान्यता लेना जरूरी है, वह मिल गई है या नहीं। कई बार मान्यता विस्तार के लिए आवेदन कर ही कॉलेज सीटें भर लेते हैं। निजी क्षेत्र के डिग्री कॉलेज व विश्वविद्यालयों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
यही नहीं बिना मान्यता के ही कोर्स चलाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में अब सख्ती बढ़ाई जाएगी। छात्रों को भी जागरूक किया जाएगा कि वह प्रवेश लेने से पहले कॉलेजों के बारे में ढंग से जानकारी लें और किसी भी तरह की गड़बड़ी की तत्काल शिकायत करें।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से फूलप्रूफ व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में निजी डिग्री कॉलेजों की संख्या 7610 है व निजी विश्वविद्यालय भी बढ़कर 52 हो गए हैं। ऐसे में उच्च शिक्षा के अधिक से अधिक अवसर बढ़ाने के साथ ही बिना गड़बड़ी गुणवत्तापरक शिक्षा मिले इसके लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। विद्यार्थियों को दिक्कत न हो इसके लिए कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।
विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। मान्यता की जांच के लिए फूलप्रूफ व्यवस्था की गई है। वहीं सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह मान्यता से संबंधित जांच करें और गड़बड़ी करने वालों को चिह्नित करें। ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रवेश से पहले हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्र मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में ही दाखिला ले रहा है। -योगेन्द्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री
सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को वेबसाइट पर अपने संस्थान में चल रहे पाठ्यक्रमों और संसाधनों के बारे में हर हाल में जानकारी देनी होगी। वेबसाइट की भी औचक जांच की जाएगी और अगर अगर आधी-अधूरी जानकारी मिली तो फिर संस्थानों को नोटिस जारी किया जाएगा। किसी भी कीमत पर कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।