08 October 2025

ओबीसी को आर्थिक पिछड़ा वर्ग काेटे से नौकरी

 ओबीसी को आर्थिक पिछड़ा वर्ग काेटे से नौकरी

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में नियुक्ति में आरक्षण को लेकर मनमानी चल रही है। जिला स्वास्थ्य समिति लखनऊ की ओर से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) में संविदा पर तैनात किए जाने वाले डॉक्टरों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अभ्यर्थियों को चयनित सूची में शामिल किया गया। सूची में उन्हें जनरल कटेगरी (अनारक्षित वर्ग) में दिखाकर ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) में तैनाती दी गई। सीएमओ डाॅ. एनबी सिंह ने कहा है कि इस मामले को देखेंगे, जांच करवाई जाएगी।


जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से 25 अप्रैल को एनएचएम के तहत रिक्त डॉक्टरों के पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित साक्षात्कार में अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। डॉक्टरों की सूची 23 मई को जारी की गई। उसके बाद डॉक्टरों को लखनऊ के कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तैनाती दी गई, जिसमें ज्यादातर वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं।

इन्हें ईडब्ल्यूएस में रखा : इस चयन सूची में क्रम संख्या 18 से 25 तक शामिल डॉक्टरों को यूआर यानी अन रिजवर्ड (अनारक्षित श्रेणी) का बताते हुए ईडब्ल्यूएस में रखा गया। इस क्रमांक में 18वें नंबर शिखा वर्मा, 19वें पर जॉयजीत नंदी, 20वें पर कृष्णदेव ओझा, 21वें पर सौम्या गंगवार, 22वें पर इरफान सिद्दीकी, 23वें पर सृष्टि यादव, 24वें पर अरविंद दीक्षित, 25वें नंबर पर सवित्र कुमार सिंह का नाम है, जिनका चयन हुआ है। यह नौकरी भी कर रहे हैं। इनमें से कई चयनित डॉक्टर ओबीसी श्रेणी के हैं। ऐसे में उनको अनारक्षि श्रेणी ईब्ल्डयूएस में में कैसे रखा गया। यह एक बड़ा सवाल है।
ईडब्ल्यूएस के लाभ के यह हैं नियम
उप्र. में ईडब्ल्यूएस का लाभ केवल सामान्य (अनारक्षित) वर्ग के लोगों को मिलेगा, जो अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की श्रेणी में नहीं आते हैं, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय आठ लाख रुपए से कम है। आवेदक के पास पांच एकड़ से कम कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए। संक्षेप में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ उन लोगों के लिए है, जो पहले से ही एससी, एसटी या ओबीसी जैसी आरक्षण श्रेणियों में नहीं आते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।