एकल विद्यालय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ़ से आया हलफनामा -
हलफनामे में केवल RTE act जिसकी धज्जियां इन्होंने पहले और दूसरे समायोजन में उड़ाई हैं उसको सम्भालने के लिए समय-समय पर शासन द्वारा निकाले गए आदेशों के संदर्भ में जिसको अंततः इन्होंने 14.11.2011 को दिए गए आदेश से समेटने की कोशिश की है कि हर विद्यालय में दो शिक्षक हो उसके लिए जिला स्तर पर समिति बनाई है और तीसरा समायोजन किया जाएगा RTE act के section 25 के अनुसार ।
सब लोग सोच रहे हैं फिर तो रायता समेट दिया गया तो ऐसा नहीं हैं खंडपीठ लखनऊ में हमने इनकी सूची पूर्ण रूप से चैलेंज की हुई है जिसमे एकल विद्यालय के साथ-साथ, हेड जिन्हें जूनियर का सहायक बनाया है को भी चुनौती दी हुई है। अभी न्यायालय से जबसे advocate general को notice issue हुई है तबसे न्याय विभाग उसी याचिका के अनुसार तमाम आदेश कर रहा है लेकिन हेड जो जूनियर में गए हैं उनके लिए ठोस कुछ उन्हें मिल नहीं रहा है क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आ चुका है जिसके para 192 में कहा हुआ है कि पदोन्नति, समायोजन या नियुक्ति ये सब नवीन रूप से नियुक्तियां हैं जो कि बिना अहर्ता के नहीं भरी जा सकती हैं तो जब ये वापस होंगे इनका PTR फिर गड़बड़ कर जाएगा तो फिर काहे का तीसरा समायोजन ?
दरसल याचिका का gyst बिना सोचे समझे ऐसे आदेश निकल रहे हैं जबकि याचिका की जो प्रेयर है वो माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा uphled किए गए निर्णयों के अनुसार है, एकल पीठ में ये कुछ भी कहें जो होगा खंडपीठ लखनऊ से होगा या फिर उसका कोई special arrangement / legal incumbrance हम खोज ही रहे हैं और लगभग foundation तैयार है उसके लिए ।
अभी सब एसआईआर में व्यस्त हैं तो अभी मुझे नहीं लगता है इन सब चीज़ों को छेड़ा जाएगा इसलिए धैर्य रखिए जो भी करेंगे शिक्षक हित में और विभाग की मनमर्जी के विरुद्ध करेंगे । जो होगा नियमों पर होगा और नियम में तमाम act से लेकर न्यायिक आदेश आपके और हमारे साथ हैं ।
#rana

