लखनऊ: आजमगढ़ के तत्कालीन मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा खान को विदेश में रहने के दौरान नियम विरुद्ध वेतन, पेंशन व अन्य देयों का भुगतान किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई की गई है। शासन ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक शेष नाथ पांडेय, आजमगढ़ के तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक अधिकारी साहित्य निकष सिंह, प्रभात कुमार व लालमन को निलंबित किया है। वर्तमान में साहित्य निकष सिंह गाजियाबाद, प्रभात कुमार अमेठी और लालमन बरेली में तैनात हैं।
मदरसा दारूल उलूम अहिले सुन्नत मदरसा अशरफिया मिस्बाहुल उजूम, आजमगढ़ के तत्कालीन शिक्षक शमशुल हुदा खान ने 19 दिसंबर, 2013 को स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता का परित्याग कर ब्रिटिश नागरिकता ली थी। इसके बाद भी शमशुल
सा प्रबंधकप्रधानाचार्य विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से 31 जुलाई, 2017 तक अनियमित रूप से वेतन लेता रहा। अनियिमत तरीके से उसके चिकित्सा अवकाश स्वीकृत किए गए। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद सेवानिवृत्ति लाभ जीपीएफ व पेंशन प्रदान कर दी गई। इस मामले की जांच संयुक्त निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण ने कराई थी। मामले में एडीएम प्रशासन आजमगढ़ ने 29 जनवरी, 2022 को खान को अनियमित वेतन के रूप में दिए गए 16.59 लाख रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया था। इसके विरोध में शमशुल हुदा खान ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने एडीएम प्रशासन आजमगढ़ के रिकवरी आदेश को निरस्त कर प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने तथा
समिति की रिपोर्ट के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश जारी किए जाने का आदेश दिया था।
हाई कोर्ट के आदेश पर तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी, जिसमें आजमगढ़ के अपर जिलाधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक और मंडलीय उप निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण शामिल थे। समिति ने शमशुल खान को दी गई अनियमित पेंशन व वेतन की धनराशि की रिकवरी किए जाने की संस्तुति की थी। साथ ही मामले में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही तथा खान के मदरसा शिक्षक रहते हुए आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, श्रीलंका व खाड़ी देशों के अलावा दो-तीन बार पाकिस्तान की यात्रा किए जाने की जांच एजेंसी से पड़ताल कराए जाने की सिफारिश भी की गई थी। एटीएस की वाराणसी इकाई ने भी शमशुल की विदेश यात्राओं को लेकर जांच की थी।

