23 November 2025

यूजीसी जैसी संस्था की जगह लेगा नया आयोग

 

सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने के लिए कुल 10 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें निजी कंपनियों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र को खोलने वाला विधेयक भी शामिल है। परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025 भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और विनियमन को नियंत्रित करने के उद्देश्य लाया जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह नया कानून परमाणु ऊर्जा के उपयोग और उसके नियमन से जुड़े ढांचे को आधुनिक और प्रभावी बनाएगा।




 इस सत्र के लिए भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक भी सरकार के एजेंडे में है। प्रस्तावित कानून के जरिये उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना की जाएगी। प्रस्तावित उच्च शिक्षा आयोग विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) जैसी संस्थाओं की जगह लेगा और उच्च शिक्षा के एकीकृत नियामक के तौर पर काम करेगा। संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर से शुरू हो रहा है।


लोकसभा बुलेटिन के अनुसार,

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआइ) यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) का स्थान लेगा। इस समय यूजीसी गैर तकनीकी उच्च शिक्षा का नियामक है, जबकि एआइसीटीई तकनीकी शिक्षा का नियमन करता है और एनसीटीई अध्यापक शिक्षा का नियामक निकाय है। एचईसीआइ को एकल उच्च शिक्षा विनियामक के तौर पर स्थापित करने का प्रस्ताव है, लेकिन चिकित्सा और विधि महाविद्यालयों को इसके दायरे में नहीं लाया जाएगा। इस आयोग की


तीन भूमिकाएं-नियमन, मान्यता और मानक तय करने की है।


सड़कों, कंपनियों और बाजार से जुड़े अहम संशोधन : सरकार कुछ पुराने कानूनों को भी आसान और आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठाने जा रही है। इसमें कई अहम बिल शामिल हैं।


- राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए जमीन अधिग्रहण को तेज, पारदर्शी और सरल बनाने का लक्ष्य, कारपोरेट कानून (संशोधन) विधेयक कंपनी अधिनियम, 2013 और (सीमित देयता भागीदारी) अधिनियम, 2008 में बदलाव के जरिये 'ईज आफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देना, प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक- सेबी अधिनियम, डिपाजिटरी अधिनियम और प्रतिभूति अनुबंध विनियमन अधिनियम- इन तीन पुराने कानूनों को समेटकर एक ही 'प्रतिभूति बाजार संहिता' बनाने का प्रस्ताव। इससे बाजार से जुड़े नियम सरल और एक समान होंगे।