09 December 2025

शिक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में अंकों में विसंगति पर हाईकोर्ट तल्ख



 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीजीटी अध्यापक भर्ती 2021 के दो प्रश्नों के गलत उत्तर का मामला विषय विशेषज्ञ समिति को सौंपने और समिति की रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त अंक पाने वाले याचियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया है।


कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस कार्यवाही का असर चयनित व नियुक्त अध्यापकों पर नहीं पड़ेगा और समिति की रिपोर्ट का लाभ भी केवल याचियों को मिलेगा। कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने समिति को चार सप्ताह में कार्यवाही पूरी करने और उसके बाद दो सप्ताह में वैधानिक प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कृष्ण कुमार सहित दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड (जो अब शिक्षा सेवा आयोग बन गया है) ने विभिन्न विषयों के टीजीटी अध्यापक भर्ती का विज्ञापन निकाला। परीक्षा परिणाम के बाद 10 अगस्त 2021को उत्तरकुंजी प्रकाशित की गई। उस पर कतिपय अभ्यर्थियों ने आपत्ति की। आपत्ति पर विचार के बाद पुनरीक्षित उत्तरकुंजी जारी की गई। बाद में कला, इतिहास, होम साइंस व सोसल साइंस के प्रश्नों को लेकर याचिकाएं की गईं। कोर्ट ने माना कि दो प्रश्नों के उत्तर पर आपत्ति पर विचार किया जाना चाहिए और विशेषज्ञ समिति से रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। कला विषय के 22, होम साइंस के चार व सोसल साइंस के सात अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी।


कोर्ट ने कहा कि Xइससे पहले कि हम कोई ऐसी कार्रवाई करें जिसके अन्य परिणाम हो सकते हैं, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को तथ्यों को स्पष्ट करने का एक अवसर दे रहे हैं। इसके अनुपालन में विफल रहने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी को यह छूट दी जाती है कि यदि आवश्यक हो तो वह सुधार करें और अगली सुनवाई पर तदनुसार अवगत कराएं।


यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह एवं न्यायमूर्ति विवेक सरन की खंडपीठ ने प्रीति पांडेय की याचिका पर उनके अधिवक्ता हनुमान किंकर उपाध्याय और अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता को सुनकर दिया है। कोर्ट के आदेश के अनुपालन में, जो इंस्ट्रक्शन प्रस्तुत किया गया, वह पहले प्रस्तुत इंस्ट्रक्शन से भिन्न है।