जिले के कक्षा एक से आठ तक के 39 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के यूनिफॉर्म और जूते आदि के रुपये फंस गए हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन सूचनाएं अपडेट न होने के कारण अड़चन आ रही है। जिले में 4,94,541 छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म, बैग, जूते-मोजे और स्वेटर के लिए 11-11 सौ रुपये सीधे उनके बैंक खाते में मिलने हैं।
दो चरणों में 2,98,486 बच्चों के खाते में रुपये ट्रांसफर हो चुके हैं जबकि 1,96,055 बच्चों को धनराशि मिलनी बाकी है। इनमें से सोमवार तक लगभग 37000 छात्र-छात्राओं की सूचनाएं संदिग्ध दिख रही थी जबकि तकरीबन 50 हजार बच्चों का विवरण खाते से लिंक नहीं था। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षाधिकारियों को शासकीय योजना के प्रति उदासीनता बरतने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी कर कार्रवाई प्रस्तावित करने के निर्देश दिए थे।
जिसके बाद 24 घंटे के अंदर तकरीबन 18 हजार बच्चों की ऑनलाइन सूचनाएं अपडेट कर दी गईं। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि 18,858 बच्चों की सूचनाएं अभी संदिग्ध हैं। या तो इनके नाम एक से अधिक स्कूलों में दिखाई पड़ रहे हैं या अन्य विसंगतियां हैं। वहीं 20,716 बच्चे ऐसे हैं जिनके बैंक खाते आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं। माना जा रहा है कि तीसरे चरण में शेष बच्चों के खाते में रुपये ट्रांसफर हो जाएंगे।