इन विद्यालयों के शिक्षकों की अनोखी , मोहल्ला पाठशाला चला कर दिखा रहे बच्चों की मेधा, जाने क्या कहते हैं छात्र व अभिभावक


गोरखपुर। कक्षा एक का छात्र प्रियांशु मोहल्ला पाठशाला में बिना किसी हिचक के एक से 15 तक का पहाड़ा सुना रहा था। उसने पहाड़ा पूरा किया तो प्रधानाध्यापक राजेश कुमार सिंह ने सहपाठियों से तालियां बजवाकर शाबाशी दी। इसके बाद छात्रा सौम्या ने पहाड़ा, गिनती व अंग्रेजी में कविता सुनाई। जब पीठ थपथपाकर उन्होंने उसे प्रोत्साहित किया तो उसका चेहरा खुशी से खिल उठा। स्कूल बंद होने के बाद भी इन ब’चों की पढ़ाई मोहल्ला पाठशाला के जरिये चल रही है। जहां शिक्षक इनकी मेधा को निखारने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

58 विद्यालय चला रहे मोहल्‍ला पाठशाला

नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जंगल हकीम नंबर-दो के बच्‍चों में पढ़ाई को लेकर इस कदर जुनून है कि इन्हें देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ जिलाधिकारी, बीएसए व खंड शिक्षाधिकारी तक के नाम याद हैं। इनकी मेधा देखकर शिक्षक भी पूरे मनोयोग से इन्हें पढ़ा रहे हैं। सुबह 10 से 12 बजे तक संचालित मोहल्ला पाठशाला में कक्षावार समूहों में 20 से 25 बच्‍चे पढऩे आ रहे हैं। चरगांवा ब्लाक के 77 में से 58 विद्यालयों द्वारा जहां मोहल्ला पाठशाला का संचालन किया रहा है, वहीं कौड़ीराम ब्लाक में भी शिक्षक संकुल एवं एकेडमिक रिसोर्स पर्सन की प्रेरणा से सक्रिय शिक्षक 1200 बच्‍चों तक शिक्षा पहुंचा रहे हैं। इसी तरह उरुवा में भी शिक्षकों के सहयोग से आठ सौ बच्‍चे मोहल्ला पाठशाला से जुड़कर पढ़ाई कर रहे हैं।

जिले में संचालित हो रहीं 570 मोहल्ला पाठशालाएं

स्कूल बंद होने के बाद गत 19 जनवरी से जिले के 20 ब्लाकों में 570 मोहल्ला पाठशालाएं संचालित हो रही हैं। आज यह हजारों ब’चों की पढ़ाई का माध्यम है। इससे प्रेरित होकर आसपास के जनपदों में भी इस तरह की पहल की जा रही है। जिला समन्वयक प्रशिक्षण विवेक जायसवाल बताते हैं कि मोहल्ला पाठशालाओं में ब’चों को दो घंटे पढ़ाकर उन्हें होमवर्क दिया जाता है, जिसे अभिभावक काफी पसंद कर रहे हैं।

क्‍या कहते हैं बच्‍चे व अभिभावक

छात्र पियांशु कुमार ने कहा कि जबसे स्कूल बंद है, हम हर रोज मोहल्ला पाठशाला में पढऩे आते हैं। पढ़ाई के बाद होमवर्क मिलता है, जिसे पूरा कर हम अगले दिन लाते हैं और शिक्षक उसकी जांच करते हैं। मानसी कुमारी काहना था कि मोहल्ला पाठशाला ने स्कूल बंद होने की कमी पूरी कर दी है। जिस तरह में स्कूल में पढ़ाई करते थे, उसी तरह हमें यहां भी शिक्षक पढ़ा रहे हैं। अभिभावक लालधर प्रसाद कहते हैं कि स्कूल बंद होने के बाद से गांव में ही जगह-जगह मोहल्ला कक्षाएं लग रहीं हैं, जहां शिक्षक नियमित पढ़ाने आते हैं। बच्‍चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए यह अच्‍छी पहल है। अभिभावक सुमन साहनी कहती हैं कि बच्‍चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसको ध्यान में रखकर मोहल्ला पाठशाला शुरू की गई है। इससे न सिर्फ बच्‍चे उत्साहित हैं, बल्कि वह स्कूल की तरह ही इसमें भी पढ़ाई कर रहे हैं।

कक्षावार बच्‍चों को अलग-अलग समूहों में बांटकर हाती है पढ़ाई

चरगांवा के एआरपी विकास चंद्र राय बताते हैं कि जिले के अन्य ब्लाकों की तरह चरगांवा में भी 58 विद्यालयों द्वारा मोहल्ला पाठशालाएं संचालित की जा रहीं हैं। कक्षावार बच्‍चों को अलग-अलग समूहों में बांटकर शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इसकी नियमित मानीटरिंग की जा रही है। मोहल्ला पाठशाला के अलावा वाट्सएप, प्रेरणा साथी, रीड एलांग, पे्ररणा लक्ष्य व दीक्षा एप के जरिये भी ब’चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि बच्‍चों का पठन-पाठन प्रभावित न हो।