हर विश्वविद्यालय को तैयार करना होगा खुद के विकास का खाका

नई दिल्ली: विश्वस्तरीय मानकों को हासिल करने की मुहिम के तहत विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अब अपने विकास का खाका खुद ही तैयार करना होगा। उन्हें अगले 25 वर्षो की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस योजना पर पांच वर्षो के भीतर अमल भी सुनिश्चित करना होगा। संस्थानों को अपने बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने सहित शैक्षणिक विकास के नए लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। इसमें छात्रों के शैक्षणिक विकास में योगदान, स्नातक करने वाले छात्रों की संख्या और संस्थान की साख को बेहतर बनाने के कदम आदि शामिल होंगे।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अमल में यह कदम उठाया है। इसे लेकर इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान नामक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है। इसमें बताया गया है कि संस्थान कैसे अपने लक्ष्य और बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकते हैं। यूजीसी ने अपने ड्राफ्ट को अंतिम रूप देन से पहले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से सुझाव मांगे हैं, जिसकी अंतिम तारीख 11 फरवरी है। माना जा रहा है कि इसके बाद यूजीसी इसे अंतिम रूप दे देगी। फिलहाल ज्यादातर उच्च शिक्षण संस्थानों के पास खुद के विकास का कोई रोडमैप नहीं है। ऐसे में उनका विकास भटकाव भरा रहता है। यूजीसी ने आइडीपी में संस्थानों के बुनियादी ढांचे का एक मानक तय किया है, जो छात्रों की संख्या पर आधारित है।

’>>बुनियादी ढांचे व शैक्षणिक विकास तक के निर्धारित करने होंगे लक्ष्य

’>>इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट यूजीसी ने तैयार किया