कोरोना का असर: स्कूल बंद होने के कारण नहीं चल रहा अभियान
शामली। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आउट ऑफ स्कूल बच्चों को तलाशने के अभियान पर फिलहाल थम गया है। इसकी वजह ये है कि कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को तलाश नहीं किया जा रहा है। जिले में 2346 के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 990 बच्चों को तलाश कर विद्यालयों में नामांकित कराया है।
निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत छह से 14 साल के बालक बालिकाओं को निशुल्क प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा मिशन शारदा कार्यक्रम शुरू किया गया था। शासन के निर्देश पर इसका पहला चरण 10 सितंबर से 15 अक्तूबर तक चलाया गया। इस चरण में घर-घर जाकर इस आयु वर्ग के ऐसे बच्चों
को तलाश किया गया, जो किसी कारण या मजबूरी में विद्यालय नहीं जा रहे हैं या नामांकन कराने के 45 दिन या इससे अधिक समय से विद्यालय नहीं गए।
इस अभियान के तहत अधिकारियों को ऐसे बच्चों के अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताकर जागरूक करते हुए बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार करना है। दूसरा चरण 15 से 31 नवंबर तक चलाया गया।
इस चरण में ऐसे बच्चे तलाश किए गए, जो ईंट भट्ठे, खदानों में काम करने वाले या श्रमिक परिवार से हो और वे विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं। सहारनपुर मंडल के आयुक्त डॉ. लोकेश एम ने इस अभियान को लगातार चलाए जाने के निर्देश बेसिक शिक्षा विभाग को
जिले में 2346 के लक्ष्य के सापेक्ष 990 बच्चे हुए नामांकित
दिए गए हैं। दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह में कोरोना संक्रमण व ठंड की वजह से स्कूलों में अवकाश चल रहा है। इसके चलते शारदा अभियान पर भी ब्रेक लगा हुआ है। इस अभियान में शासन से जिले को 2346 बच्चों को तलाश करने का लक्ष्य दिया गया है। अभी तक 990 बच्चों को तलाश कर विद्यालयों में नामांकित कराया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के सामुदायिक सहभागिता के जिला समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि कोरोना की वजह से स्कूल बंद चल रहे हैं, जिस कारण अभी बच्चों को तलाशने का कार्यक्रम भी रुका हुआ है। जिले में 990 बच्चों को तलाश कर विद्यालयों में नामांकित कराया जा चुका है।