बड़ी कार्रवाई: 38 प्रधानाध्यापकों का बेसिक शिक्षा अधिकारी ने रोका वेतन, जानिए क्या है मामला
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में डीबीटी प्रक्रिया के माध्यम से पैसा भेजने में लापरवाही करने पर 38 प्रधानाध्यापकों का बीएसए संजय सिंह ने वेतन रोका है। बीएसए ने प्रधानाध्यापकों को 25 फरवरी तक अभिभावकों के खातों में पैसा भेजकर उपभोग प्रमाण पत्र जमा करने के निर्देश दिए थे।
बेसिक शिक्षा परिषद के जिले की आठ ब्लॉकों में ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में 1691 बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय हैं। इनमें 1,65,864 बच्चे शिक्षारत हैं। इनमें से खंड शिक्षाकारियों, प्रधानाध्यापकों की लापरवाही की वजह से 9426 बच्चों को डीबीटी के माध्यम से 1100 रुपये नहीं मिल सके हैं। उसकी वजह से बच्चे बिना स्वेटर जूते-मौजे, ड्रेस और बैग के ही बच्चों को पढ़ने जाना पड़ रहा। शासन की ओर से डीबीटी नहीं मिलने वाले बच्चों का संज्ञान लिया गया। जिसमें बीईओ और प्रधानाध्यापकों की लापरवाही उजागर हुई। बीएसए संजय सिंह ने मामले पर संज्ञान लेने पर खंड शिक्षाधिकारी और प्रधानाध्यापकों को 25 फरवरी तक डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में पैसे भेजकर उपभोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश नहीं दिए।
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले नौ हजार से अधिक बच्चों को खंड शिक्षाधिकारी और शिक्षकों की वजह से डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांजक्शन) की रकम नहीं मिल सकी है। शिक्षा विभाग ने लापरवाही बरतने वाले बीईओ और शिक्षकों का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं।
संजय सिंह, बीएसए, एटा