स्कूल खोलने के फैसले का सबने किया स्वागत

स्कूल खोलने के फैसले का सबने किया स्वागत

लखनऊ : तीसरी लहर के कम होते जा रहे प्रभाव के साथ ही स्कूलों को खोलने पर फैसला शुक्रवार को हो गया। स्कूलों में नर्सरी से कक्षा आठ तक की क्लास फिर आफलाइन माध्यम से चलेगी। शासन के इस फैसले का स्कूल के संचालकों और अभिभावक संघ ने स्वागत किया है। 


तीसरी लहर के कम होते प्रभाव के साथ ही स्कूलों को खोलने या अभी बंद रखने को लेकर चल रहे चुनाव का फैसला शुक्रवार को हो गया। लंबे समय से बंद स्कूलों में नर्सरी से कक्षा आठ तक की क्लास सोमवार से फिर आफलाइन माध्यम से चलेगी। शासन के इस फैसले का स्कूल संचालकों और अभिभावक संघ ने स्वागत किया है। शासन के इस फैसले से बच्चों को भी बंद कमरे से खुले आसमान का खुशनुमा माहौल मिलेगा।

प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर और भीषण ठंड के कारण चार जनवरी से स्कूलों में शिक्षण कार्य बंद कर दिया गया था। इससे पहले शासन द्वारा सात फरवरी से कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक के सभी माध्यमिक स्कूल, विश्वविद्यालय और डिग्री कालेजों को खोलने का फैसला किया गया था। अभी तक यहां आनलाइन कक्षाएं चल रही थीं।

स्कूल संचालक लंबे समय से कर रहे थे मांग : स्कूल खोलने को लेकर सीबीएसई स्कूल मैनेजर एसोसिएशन की कई बैठकें हुईं। इनमें एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम पचौरी की ओर से स्कूल न खोले जाने पर शासन को अल्टीमेटम भी दिया गया था।

कब-कब बंदी के जारी किए गए आदेश : तीसरी लहर की शुरुआत होते ही स्कूल और कालेज बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। सबसे पहले 15 जनवरी तक स्कूल बंद के आदेश जारी हुए थे।

इसके बाद 16 जनवरी से 23 जनवरी, फिर 24 से 30 जनवरी तक बंद के आदेश हुए। इसके बाद छह फरवरी तक सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए। सात फरवरी से कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाएं संचालित की जाने के आदेश जारी किए गए। डीआइओएस डा. अमरकांत सिंह और बीएसए विजय प्रताप सिंह का कहना है कि शासन स्तर पर लिए गए निर्णय का सभी स्कूलों को पालन करना है।

15 से 18 वर्ष तक के अधिकांश बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। छोटे बच्चों की पढ़ाई का पहले से ही काफी नुकसान हो चुका है। शासन का यह फैसला स्वागत योग्य है।

-अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

कोरोना के मामले नियंत्रण में हैं। सोमवार से छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोले जाने का शासन का यह फैसला उचित है।

-पीके श्रीवास्तव, अभिभावक संघ