बोर्ड परीक्षा से गड़बड़ा रहा परिषदीय स्कूलों का काम, कैसे होगी पढ़ाई और कैसे चलेगा अभियान

 

जिले में परिषदीय विद्यालयों के 1800 शिक्षक दे रहे ड्यूटी 
मुजफ्फरनगर जिले में यूपी बोर्ड की परीक्षा प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक करा रहे हैं। जनपद में 2800 शिक्षकों की ड्यूटी परीक्षा में लगी है, माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास केवल 800 शिक्षक है 1800 शिक्षक परिषदीय विद्यालयों के और दो सौ मान्यता प्राप्त विद्यालय के है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त शिक्षक नहीं है 74 परीक्षा केंद्रों पर 2800 शिक्षकों की ड्यूटी लगी है। 


जिले में परिषदीय विद्यालयों के 1800 शिक्षक दे रहे ड्यूटी मुजफ्फरनगर जिले में यूपी बोर्ड की परीक्षा प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक करा रहे हैं। जनपद में 2800 शिक्षकों की ड्यूटी परीक्षा में लगी है, माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास केवल 800 शिक्षक है 1800 शिक्षक परिषदीय विद्यालयों के और दो सौ मान्यता प्राप्त विद्यालय के है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त शिक्षक नहीं है 74 परीक्षा केंद्रों पर 2800 शिक्षकों की ड्यूटी लगी है। विभाग के पास कुल 800 शिक्षक है। ऐसे में परीक्षा कराना मुश्किल हो रहा था। प्रशासन ने इस बीच यूपी बोर्ड की परीक्षा में 1800 परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी। दो सौ शिक्षक मान्यता प्राप्त विद्यालयों से लिए गए है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में लग जाने से विद्यालयों में पढ़ाई और स्कूल चलो अभियान प्रभावित हो रहा है। कुकडा के जिस विद्यालय से प्रदेश के राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की इसमें 11 में से दस शिक्षकों की यूपी बोर्ड में ड्यूटी लगी है। एक शिक्षक के बल पर कौन सी पढ़ाई होगी और कौन सा अभियान चलेगा। बीएसए मायाराम का कहना है कि यूपी बोर्ड परीक्षा कराना भी जरूरी है।
विभाग के पास कुल 800 शिक्षक है। ऐसे में परीक्षा कराना मुश्किल हो रहा था। प्रशासन ने इस बीच यूपी बोर्ड की परीक्षा में 1800 परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी। दो सौ शिक्षक मान्यता प्राप्त विद्यालयों से लिए गए है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में लग जाने से विद्यालयों में पढ़ाई और स्कूल चलो अभियान प्रभावित हो रहा है। कुकडा के जिस विद्यालय से प्रदेश के राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की इसमें 11 में से दस शिक्षकों की यूपी बोर्ड में ड्यूटी लगी है। एक शिक्षक के बल पर कौन सी पढ़ाई होगी और कौन सा अभियान चलेगा। बीएसए मायाराम का कहना है कि यूपी बोर्ड परीक्षा कराना भी जरूरी है।