झांसी जनपद के 1452 परिषदीय विद्यालयों में 807 विद्यालय ऐसे सामने आए हैं जिनको देखने कोई अफसर आज तक नहीं पहुंचा। इसका खुलासा जियो लोकेशन एप की शासन स्तर से हो रही निगरानी में हुआ है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से शिक्षा महकमे के अधिकारियों में खलबली है। महानिदेशक ने इन स्कूलों के साथ ही अफसरों की सूची भी तलब कर ली है।
महानिदेशक विजय किरण आनंद ने परिषदीय विद्यालयों के सघन निरीक्षण के निर्देश दिए थे। इसके बाद से ब्लॉक वार शिक्षा अफसरों की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन, जब जियो लोकेशन एप से अफसरों की लोकेशन तलाशी गई तब मालूम चला कि यह अभियान सिर्फ कागजों में ही चलता रहा।
जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक और बेसिक शिक्षा अधिकारी को निरीक्षण के आदेश दिए गए थे जिसमें शिक्षा अफसरों ने सिर्फ शहर के आसपास मौजूद विद्यालयों का दौरा करके हो कोरम पूरा करने का काम किया। जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के 1452 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें बबीना में 204, बामीर में 141, बंगरा में 205, बड़ागांव में 147 चिरगांव में 154, गुरसरांय में 156, मऊरानीपुर में 163, मोठ में 188, झांसी नगर में 79 और मऊरानीपुर नगर में 15 स्कूल संचालित हो रहे है।
इनमें आमौर के लभेरा, हरदुश विलाटी, कचौर, खरवाच समेत कई गांव जबकि बबीना के रसीना, खाड़ी साफा, डोमागोर समेत कई गांव के स्कूल में अब तक कोई नहीं पहुंचा। वहीं गुरसरांय के केदारलाई इमलौटा तई सिलोरी जैसे स्कूलों में कोई निरीक्षण के लिए नहीं जाता। इसी तरह जिले के अलग अलग ब्लॉक के 807 स्कूलों में आज तक कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। हर ब्लॉक में लगभग 30-40 प्रतिशत स्कूलों का ही निरीक्षण हो रहा है। जबकि नगर क्षेत्र के भी कई ऐसे हिस्से हैं जो काफी अंदर हैं, उनमें विभाग का कोई अधिकारी निरीक्षण करने नहीं जाता है।