शिक्षक की सेवा समाप्ति का आदेश हाईकोर्ट से निरस्त, जानें क्या था मामला


 

मई माह में परिषदीय स्कूलों के दो शिक्षकों की समाप्त की गई थी सेवाएं 
औरैया। खंड शिक्षा अधिकारियों से अभद्रता के मामले में परिषदीय स्कूलों के दो शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की गई थीं। एक शिक्षक ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली है। कोर्ट ने इस आदेश को निरस्त कर दिया है। यूटा के पदाधिकारियों ने न्यायालय के निर्णय पर खुशी जताई है।

अछल्दा ब्लाक स्थित प्राथमिक विद्यालय दिलीपपुर में सहायक अध्यापक देवेंद्र प्रताप सिंह और सदर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सिखरना के प्रधानाध्यापक ओमजी पोरवाल की सेवाएं समाप्त करने






का आदेश तत्कालीन बीएसए चंदना राम इकबाल यादव ने दो माँ को किया था। दोनों शिक्षकों पर आरोप था कि उन्होंने कार्यालयों में घुसकर खंड शिक्षा अधिकारियों संग अभद्रता की गई और शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है सब शिक्षक ओमजी पोरवाल ने  इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इको संज्ञान में लेकर कोर्ट ने शिक्षक को राहत देते हुए सेवा समाप्ति के आदेश को नियम विरुद्ध बताकर निरस्त कर दिया है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन कराया जाएगा। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के पदाधिकारियों ने कोर्ट के इस निर्णय की सराहना की। हाईकोर्ट के निर्णय पर विनय वर्मा, राजेंद्र राठौर, आलोक बाबू गुप्ता, धर्मेद्र अंडकर, चंद्रेश दुबे, अभिषेक सिंह, अवनीश राजपूत, आनंद राजपूत, प्रशांत चौबे, आदित्य गुप्ता, दीपक गुप्ता, ओमकार गौतम, विनोद राजपूत ने खुशी जताई।